Holi 2022: यहां पढ़िए होली के लेटेस्ट भजन, सुनकर झूम उठेगा हर किसी का मन!

 
Holi 2022: यहां पढ़िए होली के लेटेस्ट भजन, सुनकर झूम उठेगा हर किसी का मन!

Holi 2022: फागुन माह के महीने और होली के त्योहार का हर किसी को इंतजार रहता है. होली का त्योहार का उत्साह रंगों के साथ ही नहीं बल्कि संगीत के साथ भी मनाया जाता है. होली के गाने और भजन ऐसे होते हैं जो हर किसी को होली की उमंग में डूबा देते हैं.

कहा जाता है कि होली को रंगों के त्योहार में परिवर्तित करने की प्रथा भगवान श्रीकृष्ण ने शुरू की थी. यही कारण है कि होली पर श्री कृष्ण होली भजनों की भरमार है. होली पर गाए जाने वाले यह भजन होली में आयोजित गीत उत्सव में बेहद लोकप्रिय ता से गाए एवम् बजाए जाते हैं.

होली के पांच बेस्ट भजन के लिरिक्स..

होली खेल रहे नन्दलाल,
गोकुल की कुञ्ज गलिन में।।

मेरे घर मारी पिचकारी,
मेरी भीगी रेशम साड़ी,
मेरे घर मारी पिचकारी,
मेरी भीगी रेशम साड़ी,
अरे मेरे मुँह पे मलो गुलाल,
गोकुल की कुञ्ज गलिन में।।

लिए ग्वाल बाल सब संग में,
रंग गई बसंती रंग में,
लिए ग्वाल बाल सब संग में,
रंग गई बसंती रंग में,
अरे मेरी चली ना कोई चाल,
गोकुल की कुञ्ज गलिन में।।

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मेरी रन्ग से भरी कमोरी,
कंकरिया मार के फोरी,
मेरी रन्ग से भरी कमोरी,
कंकरिया मार के फोरी,
में तो पड़ी हाल बेहाल,
गोकुल की कुञ्ज गलिन में।।

मोसे हँस के बोलो बेना,
तोहे सही बताऊ बहना,
मोसे हँस के बोलो बेना,
तोहे सही बताऊ बहना,
मैं कर दई हरी और लाल,
गोकुल की कुञ्ज गलिन में।।

होली खेल रहे नन्दलाल,
गोकुल की कुञ्ज गलिन में।।1।।

श्याम मेरी चुनर पे,
रंग मत डाल,
विनती करूं पैया पडु,
तोरे बार-बार।।

भर पिचकारी कान्हा,
सन्मुख ना मारो,
अबीर गुलाल मेरे,
मुख पे ना डारो,
आज आई -2,
करके मैं सोलह श्रृंगार,
विनती करूं पैया पडु,
तोरे बार-बार।।

बीच बजरिया,
ना रोको मुरारी,
जाने दो श्याम,
मत आवो अगाड़ी,
पकड़ो ना बहिया जी-2,
पराई हू नार,
विनती करूं पैया पडु,
तोरे बार-बार।।

संग सहेली सब,
हांसी करेगी,
सास ननंद की मोहे,
डांट पड़ेगी,
झगडेंगे सैया जी-2,
घर पे हमार,
विनती करूं पैया पडु,
तोरे बार-बार।।

‘मंत्री’ कहे विनती,
अब सुन लो हमारी,
भक्त ‘दयाल’ रहे,
शरण तुम्हारी,
श्याम तेरे चरणों में-2,
जाऊं बलिहार,
विनती करूं पैया पडु,
तोरे बार-बार।।

श्याम मेरी चुनर पे,
रंग मत डाल,
विनती करूं पैया पडु,
तोरे बार-बार।।2।।

आज बृज में होली है रे रसिया,
होरी रे रसिया,
बरजोरी रे रसिया,
आज बृज में होली है रे रसिया।।

घर घर से ब्रज बनिता आई,
घर घर से ब्रज बनिता आई,
कोई सांवर कोई गोरी है रे रसिया,
आज बृज में होली है रे रसिया।।

कौन गाँव के कुंवर कन्हैया,
कौन गाँव के कुंवर कन्हैया,
कौन गावं राधा गोरी है रे रसिया,
आज बृज में होली है रे रसिया।।

नन्द गावं के कुंवर कन्हैया,
नन्द गावं के कुंवर कन्हैया,
बरसाने की राधा गोरी रे रसिया,
आज बृज में होली है रे रसिया।।

कौन वरण के कुंवर कन्हैया,
कौन वरण के कुंवर कन्हैया,
कौन वरण राधा गोरी रे रसिया,
आज बृज में होली है रे रसिया।।

श्याम वरण के कुंवर कन्हैया,
श्याम वरण के कुंवर कन्हैया,
गौर वरण राधा गोरी रे रसिया,
आज बृज में होली है रे रसिया।।

इत ते आए कुंवर कन्हैया,
इत ते आए कुंवर कन्हैया,
उत ते राधा गोरी रे रसिया,
आज बृज में होली है रे रसिया।।

कौन के हाथ कनक पिचकारी,
कौन के हाथ कनक पिचकारी,
कौन के हाथ कमोरी रे रसिया,
आज बृज में होली है रे रसिया।।

कृष्ण के हाथ कनक पिचकारी,
कृष्ण के हाथ कनक पिचकारी,
राधा के हाथ कमोरी रे रसिया,
आज बृज में होली है रे रसिया।।

उडत गुलाल लाल भए बादल,
उडत गुलाल लाल भए बादल,
मारत भर भर झोरी रे रसिया,
आज बृज में होली है रे रसिया।।

अबीर गुलाल के बादल छाए,
अबीर गुलाल के बादल छाए,
धूम मचाई रे सब मिल सखिया,
आज बृज में होली है रे रसिया।।

चन्द्र सखी भज बाल कृष्ण छवि,
चन्द्र सखी भज बाल कृष्ण छवि,
चिर जीवे यह जोड़ी रे रसिया,
आज बृज में होली है रे रसिया।।

आज बृज में होली है रे रसिया,
होरी रे रसिया,
बरजोरी रे रसिया,
आज बृज में होली है रे रसिया।।3।।

ये पढ़िए:- क्या है होली को मनाने के पीछे का वैज्ञानिक कारण?

फागण आया धूम मचाओ,
के होली संग श्याम के मनाओ,
श्याम के मनाओ संग श्याम के मनाओ,
संग संग सबको नचाओ,
के होली संग श्याम के मनाओ।।

झांझ नगाड़ा बाजे देखो,
सब मिल करे धमाल,
रंग अबीर गुलाल उड़ावे,
श्याम प्रभु के लाल,
सब मिल रंग लगाओ,
के होली संग श्याम के मनाओ,
फागन आया धूम मचाओ,
के होली संग श्याम के मनाओ।।

श्याम प्रभु की महिमा ऐसी,
आए भीड़ अपार,
कोई जय श्री श्याम,
कोई बोले लखदातार
खाटू आके श्याम गुण गाओ,
के होली संग श्याम के मनाओ,
फागन आया धूम मचाओ,
के होली संग श्याम के मनाओ।।

एक बार जो खाटू आए,
बार बार फिर आता है,
कृपा श्याम की ऐसी होती,
कभी नहीं दुख पाता है
‘विष्णु’ को भी फागण में बुलाओ,
के होली संग श्याम के मनाओ,
फागन आया धूम मचाओ,
के होली संग श्याम के मनाओ।।

फागण आया धूम मचाओ,
के होली संग श्याम के मनाओ,
श्याम के मनाओ संग श्याम के मनाओ,
संग संग सबको नचाओ,
के होली संग श्याम के मनाओ।।4।।

मम्मी जाऊंगा बालाजी,
आया होली का त्यौहार।।

फागण का मस्त महीना,
चौड़ा होया फुल क सीना,
स देवों में देव नगीना,
बाबा बहोत बड़ा दातार,
मम्मी जाऊँगा बालाजी,
आया होली का त्यौहार।।

भक्तां की टोली,
खेलं बाबा गेलयां होली,
ओली किस्मत होज्या सोली,
जब बाबा का बरसः प्यार,
मम्मी जाऊँगा बालाजी,
आया होली का त्यौहार।।

लयादे लाल धज्जा बणवाके,
गोटा बिमक भी लगवाके,
लाल लंगोटा दे सिमवाके तुं त,
क्युं कर री स वार,
मम्मी जाऊँगा बालाजी,
आया होली का त्यौहार।।

सारे नियम तुं समझादे,
मेंहदीपुर की राह बतादे,
चादर राम नाम की लयादे,
मम्मी मानुं कोनया हार,
मम्मी जाऊँगा बालाजी,
आया होली का त्यौहार।।5।।

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