Jagannath Puri Facts: तो इस वजह से आज तक अधूरी है जगन्नाथ पुरी की मूर्ति, जानिए कारण…
Jagannath Puri Facts: उड़ीसा स्थित जगन्नाथ पुरी का मंदिर की धार्मिक ख्याति सारे संसार में विख्यात है. यहां साल भर में जगन्नाथ पुरी की शोभा यात्रा निकलती है. जिसमें दूर-दूर से लोग यहां आते हैं और रथ यात्रा में सम्मिलित होते हैं. इस रथ यात्रा में श्री कृष्ण, बलराम और सुभद्रा की झाकियां शामिल होती हैं. जगन्नाथ भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण की आराधना की जाती है. लेकिन मंदिर के भीतर मौजूद भगवान की मूर्तियां अधूरी है, जिसके पीछे विशेष धार्मिक कहानी है.
हमारे आज के इस लेख में हम आपको उसी एक पौराणिक कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके माध्यम आपको मालूम पड़ेगा कि आखिर क्यों विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में मूर्तियां अधूरी हैं. तो चलिए जानते हैं….
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आखिर क्यों अधूरी है जगन्नाथ पूरी की मूर्तियां….
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार जब श्री कृष्ण रूप बदलकर बलराम और अपनी पत्नियों के साथ माता यशोदा से कहानी सुन रहे थे. तब नारद जी ने उनसे आग्रह किया कि वे अपने इस रूप के दर्शन अपने भक्तों को भी कराएं. जिस पर कृष्ण जी ने धरती पर एक राजा को मंदिर की स्थापना करने को कहा. और साथ ही कहा कि जब भी इस मंदिर में मूर्ति की स्थापना या तैयार की जाए.
तो उसे कोई देखें नहीं. जिस पर राजा ने एक ब्राह्मण को मंदिर की मूर्तियों को बनाने का कार्य़भार सौंपा. ऐसे में जब राजा को एक दिन मंदिर के अंदर से काम के दौरान होने वाली खटपट की आवाज नहीं आई. तब राजा ने मंदिर को खोलकर देख लिया, जहां वह ब्राह्मण जगन्नाथ भगवान की मूर्ति बना रहे थे. लेकिन जैसे ही राजा ने दरवाजा खोला, तब वहां मौजूद ब्राह्मण गायब हो गए. असल में, वह ब्राह्मण और कोई नहीं, बल्कि विश्वकर्मा जी ही थे, जिनको मूर्तियां बनाने के लिए धरती पर भेजा गया था. यही कारण है कि आज भी जगन्नाथ भगवान की मूर्तियां अधूरी हैं.