Janmashtami 2022: जन्माष्टमी पर क्यों मनाया जाता है भगवान श्री कृष्ण का जन्मदिन? ये है प्रमुख कारण

 
Janmashtami 2022: जन्माष्टमी पर क्यों मनाया जाता है भगवान श्री कृष्ण का जन्मदिन? ये है प्रमुख कारण

Janmashtami 2022: हर साल भादो महीने की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस त्योहार पर हिंदू धर्म को मानने वाले लोग कृष्ण जी के बाल रूप की विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं. जन्माष्टमी का त्योहार मुख्य रूप से भगवान श्री कृष्ण के जन्म दिवस के तौर पर मनाया जाता है.

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ऐसे में यदि आप भी भगवान श्री कृष्ण के अनन्य भक्त है. हमारे आज के इस लेख में हम आपको इस कारण के बारे में बताएंगे, कि आखिर क्यों जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म दिवस मनाया जाता है? तो चलिए जानते हैं…

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Janmashtami 2022: जन्माष्टमी पर क्यों मनाया जाता है भगवान श्री कृष्ण का जन्मदिन? ये है प्रमुख कारण

भगवान श्री कृष्ण के जन्माष्टमी पर जन्मोत्सव की कहानी…

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मथुरा के राजा उग्रसेन के पुत्र का नाम कंस और पुत्री का नाम देवकी था. राजा उग्रसेन का पुत्र कंस अत्याचारी राजा था. जिसने अपने ही पिता को बंदी बनाकर कारागृह में डाल दिया था और उनका सारा राज्य पाठ हड़प लिया था. ऐसे में जब मथुरा वासी कंस के अत्याचारों से त्रस्त हो गए. तब भगवान विष्णु ने श्री कृष्ण के रूप में अवतार लेने की ठानी.

जिस पर उन्होंने उग्रसेन की पुत्री देवकी और वासुदेव के पुत्र के तौर पर जन्म लेने का निर्णय लिया. उधर कंस को यह भविष्यवाणी हुई, कि देवकी की आठवीं संतान उसका काल बनेगी. ऐसे में जब कंस को पता लगा, तब उसने देवकी और उसके पति वासुदेव को कारागृह में डाल दिया. जिसके बाद देश की के एक-एक पुत्र और पुत्री को कंस ने मार डाला.

Janmashtami 2022: जन्माष्टमी पर क्यों मनाया जाता है भगवान श्री कृष्ण का जन्मदिन? ये है प्रमुख कारण

ऐसे में जब देवकी की आठवीं संतान हुई, तब आकाशवाणी हुई कि वासुदेव उस बालक को नंद बाबा के यहां छोड़ आए. जिसके बाद वासुदेव श्री कृष्ण को लेकर ब्रज चले आए. और उधर श्री कृष्ण के स्थान पर एक देवी ने देवकी और वासुदेव की आठवीं कन्या के तौर पर गोद में आ गई. जोकि ब्रज में माता यशोदा और नंद बाबा के यहां जन्मी थी. ऐसे में जब कंस ने उस आठवीं संतान को मारने का सोचा, तब वह कन्या अचानक गायब हो गई.

और उधर भगवान श्री कृष्ण ने माता यशोदा और वासुदेव के यहां भादो के महीने में अष्टमी तिथि को जन्म लिया. तभी से भगवान श्री कृष्ण के जन्म को जन्माष्टमी के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन मथुरा और वृंदावन के लोग हर्षोल्लास से जन्माष्टमी का त्योहार मनाते हैं संपूर्ण भारतवर्ष में भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप यानी लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है.

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