Janmashtami 2023 puja vidhi: जन्माष्टमी से पहले जान लें, श्री कृष्ण की पूजा करने का सही तरीका

 
Janmashtami 2023 puja vidhi

Janmashtami 2023 puja vidhi: 2 दिन बाद संपूर्ण भारतवर्ष में जन्माष्टमी (Janmashtami 2023) मनाई जाएगी. जन्माष्टमी का त्योहार हर साल भाद्रपद के महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन विशेष तौर पर भगवान श्री कृष्ण (Shri krishna) के जन्मदिन को बेहद उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है. श्री कृष्ण का जन्म द्वापर युग में हुआ था, इस दौरान उन्होंने धरती पर धर्म की रक्षा हेतु जन्म लिया था.

इसी वजह से हर साल जन्माष्टमी के पर्व पर श्री कृष्ण का जन्मदिन मनाकर उनकी भक्ति की जाती है. जन्माष्टमी के अवसर पर आप भगवान श्री कृष्ण की पूजा कैसे करें? जिससे भगवान श्रीकृष्ण आपसे प्रसन्न हो जाएं. हमारे आज के इस लेख में हम आपको इसी के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं, तो चलिए जानते हैं... 

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जन्माष्टमी वाले दिन कैसे करें श्रीकृष्ण की उपासना? 

  •  जन्माष्टमी वाले दिन आप प्रातः काल स्नानादि से निपटकर पीले रंग के वस्त्र धारण करें.
  •  इसके बाद भगवान श्री कृष्ण के मंदिर को सजाने श्री कृष्ण की पूजा के लिए जरूरी सामान को इकट्ठा कर लें.
  • फिर भगवान श्री कृष्ण का मंदिर और झूला अवश्य सजा लें.
  • इसके बाद लड्डू गोपाल (Laddu gopal) को पंचामृत और फिर गंगाजल से स्नान कराएं.
  •  फिर लड्डू गोपाल को वस्त्र और आभूषण पहनाएं.
  •  इसके पश्चात् उन्हें झूले पर विराजित करें.
  •  फिर श्री कृष्ण के सामने दीपक जलाकर पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ श्री कृष्ण का स्मरण करें.
  •  भगवान श्री कृष्ण को चंदन और अक्षत का टीका लगाएं.
  •  इसके बाद भगवान श्री कृष्ण के लिए बनाया गया भोग अर्पित करें.
  •  फिर श्री कृष्ण के मंत्र कृ कृष्णाय नमः का जाप करते हुए श्री कृष्ण (Shri Krishna) को बुलावा दें. श्री कृष्ण से आपकी पूजा ग्रहण करने के लिए कहें और फिर श्री कृष्ण की आरती उतारें.
  •  जन्माष्टमी वाले दिन यदि आपने भगवान श्री कृष्ण के लिए व्रत का पालन किया है, तो आप भगवान श्री कृष्ण की पूजा और जन्म के पश्चात् ही व्रत का पारण करें.
  •  इसके बाद श्री कृष्ण को लगाए गए भोग को प्रसाद के तौर पर सबमें बांट दें.

 जन्माष्टमी की पूजा में ध्यान देने योग्य बातें

  •  जन्माष्टमी की पूजा में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव तभी मनाएं जब रोहिणी नक्षत्र लग जाए.
  •  श्री कृष्ण का जन्म मनाने से पहले खीरा डंठल से अलग कर लें, इसके बिना श्री कृष्ण की पूजा अधूरी मानी जाती है.
  •  श्री कृष्ण की पूजा करते समय तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल अवश्य करें.
  •  श्रीकृष्ण को प्रिय पंजीरी (Panjiri) का भोग उन्हें अवश्य लगाएं.
  • भगवान श्री कृष्ण को झूले पर विराजित करने के बाद आरती करते समय श्री कृष्ण को झूला अवश्य बनाएं.

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