Janmashtami 2023: क्या सचमुच श्री कृष्ण की भी हुई थी मृत्यु?

भगवान श्री कृष्ण (Lord shri krishna) जोकि भगवान विष्णु का आठवां अवतार है, निकट भविष्य में भगवान श्री कृष्ण का दसवां अवतार होगा. जिसे कल्कि अवतार कहा जाता है.
  
Janmashtami 2023

Janmashtami 2023: आज जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को हर तरफ धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. श्री कृष्ण जिन्होंने द्वापर युग (Dwapar) में अधर्म का नाश करने के लिए और धन की स्थापना हेतु जन्म लिया था. भगवान श्री कृष्ण के जीवन से जुड़ी अनेक लीलाओं का वर्णन हम धार्मिक ग्रंथों में सुनते और पढ़ते हैं.

भगवान श्री कृष्ण (Lord shri krishna) जोकि भगवान विष्णु का आठवां अवतार है, निकट भविष्य में भगवान श्री कृष्ण का दसवां अवतार होगा. जिसे कल्कि अवतार कहा जाता है. भगवान श्री कृष्ण ने माता देवकी और वासुदेव की कोख से जन्म लिया था.

ऐसे में भगवान श्री कृष्ण के जन्म को लेकर तो काफी जानकारी लोगों को होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण ने भी शरीर का त्याग किया था और उनकी भी मृत्यु हुई थी? यदि नहीं तो हमारे आज के इस लेख में हम आपको भगवान श्रीकृष्ण की मृत्यु से जुड़े एक रहस्य के बारे में बताने वाले हैं, तो चलिए जानते हैं... 

भगवान श्रीकृष्ण की मृत्यु का रहस्य

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महाभारत (Mahabharat) काल के दौरान जब भगवान श्री कृष्ण और पांडवों ने मिलकर समस्त कौरवों का सर्वनाश कर दिया था. उसके बाद कौरवों की माता गांधारी ने कृष्ण को श्राप दिया था कि जिस तरह से आज मेरा वंश समाप्त हो गया. उसी तरह से तुम्हारी द्वारिका नगरी भी समाप्त हो जाएगी.

इसके साथ ही यदुवंश के लोगों का भी नाश हो जाएगा. कहते हैं माता गांधारी के श्राप के कारण ही भगवान श्री कृष्ण की द्वारिका नगरी का अंत हुआ और श्री कृष्ण को भी इस शराब श्राप का असर भुगतना पड़ा.

 एक अन्य कहानी के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण के पुत्र सांबा ने द्वारिका (Dwarika) नगरी को बचाने के लिए गर्भवती स्त्री का भेष धारण कर ऋषि-मुनियों के समीप जाकर उनसे आशीर्वाद लेना चाहा, लेकिन जब ऋषि मुनि सांबा को पहचान गए. तब उन्होंने सांबा को यह श्राप दिया कि कि तुम्हारे द्वारा बनाया गया तीर ही तुम्हारे संपूर्ण साम्राज्य का नाश कर देगा.

जिस वजह से कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण की द्वारिका नगरी और श्री कृष्ण की समस्त चीजें जैसे, रथ, सुदर्शन चक्र और शंख काल के गर्त में समा गए और श्री कृष्ण की मृत्यु भी एक तीर लगने की वजह से हुई. कहा जाता है कि श्री कृष्ण की मृत्यु के बाद भगवान विष्णु बैकुंठधाम वापस चले गए.

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