Kamika ekadashi vrat: इस एकादशी पर जरूर पढ़ें ये कथा, वरना नहीं मिलेगी विष्णु जी की कृपा

 
Kamika ekadashi vrat: इस एकादशी पर जरूर पढ़ें ये कथा, वरना नहीं मिलेगी विष्णु जी की कृपा


Kamika ekadashi vrat: कामिका एकादशी व्रत कथा हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस एकादशी का व्रत करने से मनुष्य को भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

कामिका एकादशी (Kamika ekadashi vrat) व्रत कथा

मान्यताओं के अनुसार द्वापर युग में धनवंतरि नामक राजा हुआ करते थे. वे भगवान विष्णु के अवतार माने जाते थे और मानवता के लिए नेतृत्व करते थे. एक बार राजा धनवंतरि ने एकादशी के दिन बहुत सारे तीर्थ यात्रीयों का स्वागत किया.वे सभी तीर्थ यात्री धर्म के नियमों के अनुसार व्रत रख रहे थे. राजा ने व्रत के बारे में अध्ययन किया और जाना कि व्रत के द्वारा मनुष्य को उन्नति, सुख, और मुक्ति मिलती है. इसलिए उन्होनें इस व्रत का पालन करने का निर्णय लिया.

राजा ने सारे तीर्थ यात्रीयों को विष्णु मंदिर लेकर गये और वहां भगवान विष्णु के समक्ष आराधना की. तीर्थ यात्रीयों ने भी ध्यानपूर्वक व्रत का पालन किया और भगवान की पूजा की. इस प्रकार, सभी व्रती एकादशी व्रत (Kamika ekadashi vrat) का पालन करते हुए अपनी आराधना पूरी की. व्रत के अंत में, एक गोलगप्पा जल और गर्म घी से भरी हुई थी. राजा धनवंतरि ने उस गोलगप्पा को विष्णु मंदिर में रखा और उसे भगवान को समर्पित किया. इससे उनके सभी पाप नष्ट हो गए और उन्होंने मोक्ष को प्राप्त किया.

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इसके बाद, सभी लोग धर्म, सुख, और समृद्धि से घर वापस चले गए. एक और कथा के अनुसार एक बार भीष्म पितामह महाराज युधिष्ठिर को धर्म के विषय में शिक्षा देते हुए एक विशेष गुप्त ज्ञान का सार बताते हैं. उन्होंने कहा कि कृष्ण पक्ष की एकादशी (Kamika ekadashi vrat) का नाम कामिका है और यह इसका महत्वपूर्ण रूप से पालन किया जाना चाहिए.साथ ही उन्होंने इस व्रत के फल के बारे में भी बताया है

कथा के अनुसार, एक बार देवताओं और असुरों के बीच महायुद्ध हो रहा था. इस युद्ध के दौरान देवताओं की सेना बहुत कमजोर हो गई थी और वे असुरों से हार रहे थे. इससे चिंतित होकर देवताओं ने ब्रह्माजी के पास जाकर सलाह मांगी. ब्रह्माजी ने उन्हें कामिका एकादशी का व्रत करने का समाधान दिया. वे बताए गए व्रत का पालन करके देवताओं ने बड़ी आसानी से असुरों को पराजित किया और जीत हासिल की.

इस प्रकार, कामिका एकादशी (Kamika ekadashi vrat) व्रत द्वारा देवताओं को विजय प्राप्त हुई. इस प्रकार, कामिका एकादशी व्रत कथा बताती है कि व्रत के द्वारा मनुष्य अपने पापों का नाश करता है और भगवान के आशीर्वाद से सुख, समृद्धि और मुक्ति को प्राप्त करता है. यह व्रत हर साल मनाया जाता है और भगवान विष्णु का पूजन करने वाले लोग इसे अपनाते हैं

कामिका एकादशी (Kamika ekadashi vrat) व्रत का महत्व

1. पाप क्षय- इस व्रत का पालन करने से भक्त के सभी पाप क्षय होते हैं और उसे पाप से मुक्ति मिलती है.

2. धार्मिकता और सात्विकता- यह व्रत धार्मिकता और सात्विकता को प्रोत्साहित करता है. भक्त इस दिन सत्विक भोजन करते हैं और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना में लीन रहते हैं.

3. आरोग्य और सुख-  कामिका एकादशी (Kamika ekadashi vrat) का व्रत करने से भक्त को स्वास्थ्य, आरोग्य और सुख की प्राप्ति होती है. यह व्रत शारीरिक और मानसिक रूप से सुख और शांति का आदान करता है.

4. मोक्ष की प्राप्ति- कामिका एकादशी का पालन करने से भक्त को मोक्ष की प्राप्ति का अवसर मिलता है.

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