Karwa chauth 2022: इस करवा चौथ जानिए पूजा के दौरान क्यों किया जाता है सीकों का प्रयोग?
Karwa chauth 2022: करवाचौथ सुहागिन महिलाओं के जीवन में आने वाला महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है. जिसकी प्रतिक्षा उन्हें पूरे वर्ष रहती है. यह दिन सुहागिन महिलाओं के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है,
क्योंकि इस दिन महिलाएं विशेष रूप से अपने पतियों की सुरक्षा व आयु वृद्धि के लिए व्रत रखती हैं. इस दिन की पूजा पाठ में भी विशेष विधि विधान का पालन किया जाता है.
इतना ही नहीं करवा चौथ के व्रत के दिन कई नियमों का पालन किया जाता है. इसके अतिरिक्त चंद्रमा के दर्शन के पश्चात ही महिलाएं अपने निर्जला व्रत को पूर्ण करती हैं.
इसके अतिरिक्त जब महिलाएं पूजा करती हैं तो उसमें पूजा की सीकों का विशेष रूप से उपयोग किया जाता है. जिसके बिना करवाचौथ की पूजा अधूरी मानी जाती है.
करवाचौथ की पूजा में सींको की कथा
हमारे हिंदू धर्म में सीकों से जुड़ी एक पौराणिक कथा का सार बताया जाता है, जिसके अनुसार एक बार की बात है कि माता करवा जी के पति का पैर मगरमच्छ ने पकड़ लिया था.
माना जाता है कि करवा माता ने उसी समय सीकों की मदद से उड़ मगरमच्छ का मुंह बांध दिया था. फिर बिना देरी की यमराज के द्वार जा पहुंची.
जब वह यमराज के द्वारें पहुंची तो वहां चित्रगुप्त महाराज करवा माता के जीवन का लेख देख रहे थे. करवा माता ने उन्ही सीखो की सहायता से चित्रगुप्त जी के लेखों के पन्नों में से अपने पति की मृत्यु का प्रसंग हटा दिया.
जिसके बाद विवश होकर यमराज को उनके पति के प्राणों की रक्षा करनी पड़ी. तो यह सीकों से जुड़ी पौराणिक कथा है. जिसके बाद से हर महिला सीकों से पूजा करके यमराज से अपने पति की प्राणों की रक्षा का आशीर्वाद मांगती है.
करवा चौथ की पूजा में सीकों की संख्या
करवा चौथ की जब पूजा की जाती है तब पूजा के लिए 7-7 सीकों के जोड़े 4 जगह बनाए जाते हैं. इस प्रकार कुल 28 सींकों को पूजन में शामिल किया जाता है. पूरी करवाचौथ पूजा में करवा में इन सींकों को लगाकर ही अर्घ्य दिया जाता व परिक्रमा की जाती है.
ये भी पढ़ें:- इस करवा चौथ वास्तु के नियमों के अनुसार करें पूजा, पति को दीर्घायु के साथ मिलेगी तरक्की
सीकों के अतिरिक्त आवश्यक पूजन वस्तुएं
करवा माता की तस्वीर,
करवाचौथ व्रत कथा की पुस्तक
आटे का बना दीपक
छलनी
जल से भर लोटा