karwachauth: जानिए पत्नी क्यों देखती है चलनी से पति का चेहरा, ये है इसके पीछे की कहानी

 
karwachauth: जानिए पत्नी क्यों देखती है चलनी से पति का चेहरा, ये है इसके पीछे की कहानी

karwachauth: शादीशुदा महिलाओं के लिए करवाचौथ का त्योहार बड़ा ही महत्वपूर्ण होता है. क्योंकि इस दिन पत्नी अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती है. यह व्रत बड़ा ही कठिन माना जाता है क्योंकि महिलाएं इस दिन बिना कुछ खाएं व्रत रहती हैं. वहीं अबकी बार करवाचौथ 24 अक्टूबर को यानि रविवार के दिन ही मनाई जाएगी. लेकिन क्या आप जानते हैं इस दिन पत्नी अपने पति का चेहरा चलनी से क्यों देखती है अगर नहीं तो आइए बताते हैं इसके पीछे की अद्भुत कहानी...

शास्त्रों के अनुसार एक साहूकार के 7 बेटे थे और एक बेटी थी. पहली बार साहूकार की बेटी ने अपने मायके में पति की लंबी उम्र के लिए करवाचौथ का व्रत रखा. इस दौरान शाम तक भूख और प्यास से उसकी तबीयत खराब होने लगी. तभी यह बात सातों भाई को पता चली तो उनसे बहन इकलौती बहन की ये हालत देखी नहीं गई.

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तभी भाइयों ने एक जुगाड़ निकाली चांद निकलने से पहले ही एक पेड़ की आड़ में छलनी के पीछे एक जलता हुआ दीपक रखकर बहन से कहा कि चांद निकल आया है वह पूजा कर लें. बहन को इस बात की जानकारी नहीं थी तो उन्होंने उस दीपक की रोशनी को चांद समझकर पहले अर्घ्य दिया फिर अपना व्रत खोल लिया.

पति की अचानक से हो गई मृत्यु

भाइयों ने अपनी बहन के साथ ये छलकर के उनका करवाचौथ का व्रत खुलवा दिया. भाइयों के इस हरकत से करवा माता उनकी बहन रुठ गईं और कुछ देर बाद ही पति की अचानक से मृत्यु हो गई. फिर महिला को अपनी भूल का अहसास हुआ और उसने माता से अपनी भूल की क्षमा मांगकर अगले साल कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को व्रत रखा.

इसके बाद उसने खुद ही हाथ में छलनी लेकर और उसमें दीपक रखकर चंद्र देव के दर्शन किए. फिर उसका पति जीवित हो गया. इसलिए माना जाता है कि छलनी को हाथ में लेकर चांद को जरूर देखना चाहिए.

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