कृष्ण जन्माष्टमी 2021 : भगवान कृष्ण की कृपा पाने के लिए करें जन्माष्टमी व्रत
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन व्रत रखने का बड़ा महत्व है। जन्माष्टमी का व्रत रखने से मनुष्य को सांसारिक सुख, सौंदर्य, आकर्षण, प्रेम, समृद्धि और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। जन्माष्टमी 30 अगस्त को मनाई जाएगी।
जन्माष्टमी का व्रत सभी श्रेणी के सभी आयु वर्ग के लोग कर सकते हैं। इससे पापों की निवृत्ति व सुखों की वृद्घि होती है। व्रती को उपवास की पूर्व रात्रि में अल्पाहारी रहना चाहिए, साथ ही इंद्रियों पर काबू रखना चाहिए। तिथि विशेष पर प्रात: स्नान कर सूर्य, सोम (चंद्रमा), पवन, दिग्पति (चार दिशाएं), भूमि, आकाश, यम और ब्रह्म आदि को नमन कर उत्तर मुख बैठना चाहिए। हाथ में जल-अक्षत-कुश लेकर मास-तिथि-पक्ष का उच्चारण कर \'मेरे सभी तरह के पापों का शमन व सभी अभीष्टों की सिद्घि के लिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत करूंगा।', ऐसा संकल्प लेना चाहिए। दिनभर निराहार रहें। क्षमता न हो तो फलाहार ले सकते हैं। रात्रि में 12 बजे श्रीकृष्ण का जन्म करवाकर प्रसाद ग्रहण कर व्रत खोला जाता है।
जन्माष्टमी व्रत के लाभ
जन्माष्टमी का व्रत उन स्ति्रयों को अवश्य करना चाहिए जिन्हें विवाह के अनेक वर्षो बाद भी संतान सुख प्राप्त नहीं हो पा रहा है। जिन स्त्रियों की संतानें बीमार रहती हैं, उन्हें जन्मजात कोई रोग है, उन्हें जन्माष्टमी व्रत जरूर करना चाहिए।
जिन दंपतियों की संतानें गलत रास्ते पर चली गई हैं, कहना नहीं मानती हैं, उन्हें भी जन्माष्टमी व्रत करना चाहिए।
जन्माष्टमी व्रत से आकर्षण प्रभाव में वृद्धि होती है। फिर सब लोग आपकी बात मानने लगते हैं।
इससे सौंदर्य में वृद्धि होती है। वाणी का ओज प्राप्त होता है। प्रेम की चाह रखने वाले युवक-युवतियों को जन्माष्टमी व्रत रखकर विधि विधान से श्रीकृष्ण का पूजन करना चाहिए। सुख-समृद्धि में वृद्धि करने के लिए जन्माष्टमी व्रत जरूर करें।
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