Lord Shiva mandir: महादेव के इन 10 मंदिरों का अनोखा है इतिहास, जिनको जाने बिना नहीं रह पाएंगे आप!

 
Lord Shiva mandir: महादेव के इन 10 मंदिरों का अनोखा है इतिहास, जिनको जाने बिना नहीं रह पाएंगे आप!

Lord Shiva mandir: हिंदू धर्म में भगवान शिव को देवों के देव महादेव कहा गया है. जिनकी सभी देवों में प्रमुख तौर पर पूजा की जाती है. भगवान शिव को वैसे तो भोलेनाथ, महादेव, शंकर भगवान, नीलकंठ महाराज इत्यादि नामों से जाना जाता है, भगवान शिव अपने भक्तों को मनचाहा वरदान देने के लिए प्रसिद्ध है. भगवान शिव अकेले ऐसे देवता हैं, जिनको ना केवल देवता गण बल्कि असुर भी पूजते हैं. आज हम आपको भगवान शिव के ऐसे 10 चमत्कारी मंदिरों के बारे में बताने वाले हैं, जिनके बारे में जानकर आपको भी आश्चर्य होगा. तो चलिए जानते हैं…

Lord Shiva mandir: महादेव के इन 10 मंदिरों का अनोखा है इतिहास, जिनको जाने बिना नहीं रह पाएंगे आप!
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भगवान शिव के 10 रहस्यमयी मंदिरों के बारे में

भगवान शिव का बनारस स्थित काल भैरव का मंदिर काफी प्राचीन और रहस्यों से परिपूर्ण है. मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान शिव के अवतार भैरव बाबा को प्रसाद के तौर पर शराब का भोग लगाया जाता है, जिसे भगवान शिव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.

गुजरात स्थित भगवान शिव का स्तंभेश्वर महादेव मंदिर अपने छिपने की कला की वजह से प्रसिद्ध है. कहा जाता है इस मंदिर के आसपास मौजूद समुद्र में जब भी ज्वार भाटा आता है तब यह मंदिर समुद्र में गायब हो जाता है. ऐसा दिन में 2 बार होता है. कहा जाता है इस मंदिर की स्थापना भगवान शिव के बेटे कार्तिकेय ने ताड़कासुर नामक राक्षस का वध करने के बाद उसी स्थान पर इस मंदिर की स्थापना की गई.

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हिमाचल प्रदेश के मनाली में भगवान शिव का बिजली महादेव मंदिर मौजूद है. जाता है हर 12 साल बाद इस मंदिर पर आकाशीय बिजली गिरती है, जिसके दौरान मंदिर में मौजूद शिवलिंग टूट जाता है, लेकिन उसे दोबारा जोड़ कर ठोस आकार दे दिया जाता है. यहां पर मक्खन से बने शिवलिंग को पूजा जाता है जिस कारण यहां मक्खन महादेव प्रसिद्ध है.

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उड़ीसा में स्थित भगवान शिव का यह मंदिर तितिलागढ़ शिव मंदिर के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर में खास बात यह है कि यह मंदिर चाहे कितनी भी गर्मी पड़े या कितनी भी ठंड यह हमेशा ठंडा ही रहता है, इतना ही नहीं इस मंदिर में थोड़ी देर बैठने पर व्यक्ति को अत्यधिक ठंड लगने लगती है, जिस कारण उससे कंबल तक होना पड़ जाता है.

तमिलनाडु में भगवान शिव के इस मंदिर को एरावतेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर को यूनेस्को के वर्ल्ड हेरिटेज साइट में भी स्थान दिया गया है. इस मंदिर को लेकर चौंकाने वाला तथ्य यह है कि जब भी इस मंदिर की सीढ़ियों पर कदम रखा जाता है, तब सीढ़ियों में से मधुर ध्वनि निकलती है, जोकि अपने आप में बेहद आश्चर्य हैं.

महाराष्ट्र की एलोरा की गुफाओं में महादेव का कैलाश मंदिर स्थित है. इस मंदिर की खास बात यह है कि इस मंदिर को केवल एक पत्थर को तराशकर बनाया गया है, हजारों साल पहले बने इस मंदिर में आज से भी आधुनिक और उन्नत निर्माण शैली का प्रयोग किया गया, जिसकी खूबसूरती देखते ही बनती है.

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राजस्थान के अचलेश्वर महादेव मंदिर शिवलिंग दिन में तीन बार रंग बदलता है, जिसके पीछे के कारण के बारे में आज तक कोई जान नहीं पाया है. इस मंदिर में महादेव के भक्त दूर-दूर से बदलते शिवलिंग के दर्शन करने आते हैं. शिवलिंग का रंग सुबह के समय लाल, दोपहर के समय केसरिया और शाम के समय सांवले रंग का हो जाता है.

गुजरात के निष्कलंक महादेव मंदिर की मुख्य बात यह है इस मंदिर में स्वयं महादेव ने पांडवों को शिवलिंग के रूप में अवतार दिया था और पांडवों को कौरवों की हत्या के पाप से मुक्त कराया जाए. इस मंदिर की भी खास बात यह है कि ज्वार भाटा के समय इस मंदिर संपूर्ण अस्तित्व समुद्र के अंदर चला जाता है, ऊपर केवल मंदिर का ध्वज दिखाई देता है.

देश के प्रसिद्ध मंदिरों में केदारनाथ मंदिर भी महत्व हैं, यूजीसी भगवान शिव के ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख माना गया है. 2013 में आई केदारनाथ त्रासदी के बाद आज भी केदारनाथ मंदिर की मान्यता और इसके अस्तित्व को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. केदारनाथ मंदिर का निर्माण भी महाभारत काल के समय पांडवों द्वारा किया गया था, मंदिर का विशेष धार्मिक महत्व है.

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असीरगढ़ मंदिर मध्य प्रदेश के बुरहानपुर शहर में स्थित है. इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि महाभारत काल के दौरान अश्वत्थामा महादेव की उपासना के लिए इस मंदिर में आते हैं और अपने पापों के लिए महादेव से क्षमा याचना करते हैं. कहा जाता है कि इस मंदिर में अश्वत्थामा आज भी आते हैं और महादेव की विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं, जिसकी बदौलत मंदिर में हर सुबह चंदन और नए फूल देखने को मिलते हैं.

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