Lunar eclipse 2022: क्या होता है ब्लड मून? और इस बार चंद्र ग्रहण क्यों है इतना खास? जानें
Lunar eclipse 2022: इस बार साल का पहला चंद्र ग्रहण 16 मई को लगने जा रहा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण का सूतक काल काफी अशुभ माना जाता है.
इसलिए ग्रहण के समय कई सारे कामों को करने की मनादि है. हालंकि इस बार का चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं पड़ेगा, जिस कारण इसका सूतक भी नहीं माना जाएगा.
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जबकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो ग्रहण ब्रह्मांड की एक अनोखी घटना है, जिसे वैज्ञानिक काफी अलग नजरिए से देखते हैं. दूसरा, इस बार जो चंद्र ग्रहण पड़ रहा है, उसे ब्लड मून कहा जा रहा है.
साथ ही हमारे आज के इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं कि आखिर ये ब्लड मून क्या होता है, और इस बार का चंद्र ग्रहण क्यों हैं इतना खास?
क्या होता है ब्लड मून?
चंद्र ग्रहण कई प्रकार का होता है, पूर्ण चंद्र ग्रहण, आंशिक चंद्र ग्रहण और उप छाया चंद्र ग्रहण. जिनमें से पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा पूरी तरह से लाल हो जाता है.
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि चंद्र ग्रहण के दौरान पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है. जिस कारण सूर्य का प्रकाश चंद्रमा पर वायुमंडल से टकराकर पहुंचता है.
जिससे चंद्रमा का प्रकाश चमकने लगता है, जोकि दूर से देखने में बिल्कुल लाल दिखाई पड़ता है. इसे ही खगोलीय भाषा में ब्लड मून कहा जाता है.
ब्लड मून की घटना देखने में काफी खूबसूरत लगती है, जिसे खगोलीय क्षेत्र से जुड़े लोग कैमरे में कैद कर लेते हैं. आपको बता दें कि इस बार ब्लड मून या कहे चंद्र ग्रहण,
दक्षिण अमेरिका और उत्तरी अमेरिका के क्षेत्रों में दिखाई पड़ेगा, जिस कारण भारत में इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा.