Mahashivratri Special: जानें बाबा महाकाल से जुड़े अनोखे रहस्यों के बारे में, जो नहीं है किसी चमत्कार से कम!
Mahashivratri Special: हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का पर्व बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. महा शिवरात्रि वाले दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा अर्चना और बारात निकाली जाती है. महाशिवरात्रि वाले दिन इसलिए भगवान शिव के शिवलिंग अवतार की पूजा की जाती है, क्योंकि माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव की सभी ज्योतिर्लिंग प्रकट हुए थे और भगवान शिव ने शिवलिंग के रूप में धरती पर अवतार लिया था. ऐसे में महाशिवरात्रि के अवसर पर आपको महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के बारे में अवश्य जाना चाहिए. जिसके बारे में जानकर आपको इससे जुड़े अनोखे रहस्य के बारे में भी अवश्य पता लगेगा. तो चलिए जानते हैं…
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग से जुड़े रहस्य
1. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है, जिसे महाकाल के मंदिर के रूप में भी जाना जाता है.
2. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के बारे में कहा जाता है कि पुराने समय में यहीं से संपूर्ण विश्व का मानक समय निर्धारित होता था, इसीलिए यहां मौजूद भगवान शिव के अवतार को महाकाल यानी मृत्यु और समय से जोड़कर देखा गया है.
3. कहा जाता है कि प्राचीन समय में उज्जैन नगरी अवंती नगरी के नाम से जानी जाती थी, लेकिन जब भगवान शिव ने एक दूषण नामक राक्षस का वध करने के लिए शिवलिंग का अवतार लिया, तब नगर वासियों के आग्रह पर वह महाकाल के तौर पर यहां पर स्थापित हो गए.
4. इस ज्योतिर्लिंग और महाकाल के मंदिर को लेकर प्रसिद्ध है कि यहां पर कोई भी राजा और मंत्री रात में यहां रुक नहीं सकता. उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में केवल विक्रमादित्य ने शासन किया था उसके बाद से इस शहर का कोई राजा नहीं रहा. जिसने भी इस शहर की ओर राज्य करने की सोची, अगले ही दिन उसके साथ बुरा हो गया. ऐसे में बाबा महाकाल को ही उज्जैन का राजा कहा जाता है.
5. भगवान शिव ने राक्षस दूषण का वध करने के बाद उसकी राख से अपने शरीर का श्रृंगार किया था, तभी से बाबा महाकाल की भस्म आरती की जाती है. आरंभ में बाबा महाकाल की आरती किसी व्यक्ति की चिता की राख से की जाती थी, लेकिन अब कपिला गाय के गोबर के कंडे में अमलतास मिलाकर बाबा की भस्म आरती की जाती है.
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में स्थापित शिवलिंग की जलाधारी दक्षिण दिशा की ओर है, जिस कारण उज्जैन स्थित बाबा महाकाल को दक्षिण मुख्य महाकाल के नाम से आ जाता है.
ये भी पढ़ें:- नवग्रहों को मिलेगी शांति, महाशिवरात्रि पर करें इस कवच का पाठ
महाकाल मंदिर में ही भैरव बाबा को शराब का प्रसाद चढ़ाया जाता है, लेकिन इस प्रथा की क्या मान्यता है और यह शराब कहां जाती है? इसको लेकर कोई जानकारी नहीं है.