Makar Sankranti 2022: इस साल किस तारीख को मनाई जाएगी संक्रांति, जानिए सही तिथि और दान का महत्व

 
Makar Sankranti 2022: इस साल किस तारीख को मनाई जाएगी संक्रांति, जानिए सही तिथि और दान का महत्व

Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव धनु राशि से निकलकर अपने पुत्र शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं. जिसके कारण हर वर्ष 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाती है. वैसे तो मकर संक्रांति हर साल नियत तिथि पर ही मनाई जाती है, लेकिन ज्योतिष शास्त्र की मानें तो इस वर्ष मकर संक्रांति 15 जनवरी को मानना अधिक फलदायी माना जा रहा है.

क्योंकि इस साल 14 जनवरी को सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में रात करीब 8 बजकर 34 मिनट पर प्रवेश करेंगे. जिस कारण मकर संक्रांति की उदया तिथि 15 जनवरी को लग रही है. ऐसे में 15 जनवरी को ही मकर संक्रांति का त्योहार मानना अधिक लाभदायक भी माना जा रहा है.

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मकर संक्रांति पर दान और गंगा स्नान का महत्व

इसके अलावा, मकर संक्रांति के दिन से ही खरमास समाप्त हो जाते हैं, जिसके बाद हिंदू धर्म में सारे शुभ काम जैसे विवाह, मुंडन, उपनयन आदि होना आरंभ हो जाते हैं. मकर संक्रांति वाले दिन हिंदू धर्म में दान पुण्य और गंगा स्नान का चलन है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां गंगा धरती पर आकर ऋषि मुनि के आश्रम में बहने वाले सागर से जाकर मिली थी. इसलिए इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है.

साथ ही मकर संक्रांति के दिन गुड़, तिल, खिचड़ी समेत 14 प्रकार के खाद्य पदार्थों का दान किया जाता है. माना जाता है कि इससे व्यक्ति को विशेष फल की प्राप्ति होती है. साथ ही इस दिन सूर्य देवता को भी अर्घ्य दिया जाता है. मान्यता है कि इस दिन जो भी पिता अपने पुत्र से मिलता है, तो उनकी सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं. हिंदू धार्मिक स्त्रोतों के अनुसार, मकर संक्रांति वाले दिन ही भीष्म पितामह ने अपने प्राण त्यागे थे, इसलिए भी यह त्योहार हिंदुओं के लिए प्रमुख है.

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मकर संक्रांति पर कैसे करें पूजा

1.इस दिन सबसे पहले उठकर सूर्य देव की उपासना करें.

  1. इसके बाद लोटे में जल लेकर उसमें रोली और फूल डालकर सूर्य भगवान को अर्घ्य दें.
  2. तत्पश्चात् गंगा के जल से या गंगा स्नान करें.
  3. मकर संक्रांति वाले दिन सूर्य देव के साथ भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और भगवान शिव की भी पूजा करनी चाहिए.
  4. आज के दिन सूर्य के बीज मंत्र, श्रीमद्भागवत गीता और गायत्री स्रोत का भी जाप करना फलदायी माना जाता है.
  5. इसके बाद भोजन में खिचड़ी बनाने के बाद उसका भोग लगाएं, उसके बाद उसका सेवन करें.
  6. मकर संक्रान्ति वाले दिन किसी गरीब को कंबल, बर्तन, तिल या खिचड़ी दान करने से व्यक्ति का भाग्योदय होता है.

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