मंगल दोष को ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुभ नहीं माना जाता है. भारत एक ऐसा देश है, जहां ग्रह नक्षत्रों में अधिक विश्वास किया जाता है. हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम को करने से पहले मूहर्त देखा जाता है. वैसे ही विवाह के दौरान भी ग्रहों की दिशा और दशा को देखा जाता है. और यदि आपकी कुंडली में मंगल दोष मौजूद होता है। तो आपकी कुंडली में उपस्थित मंगल आपके वैवाहिक जीवन पर काफी प्रभाव डालता है। तो चलिए जानते हैं मंगल दोष के बारे में….
समस्त देवों के सेनापति है मंगल. इन्हें सबसे क्रूर ग्रह माना जाता है, साथ ही यह पराक्रम के कारक भी माने जाते है. वहीं मंगल ग्रह के खराब होने से किसी भी मनुष्य के जीवन में अधिक दिक्कतें उत्पन्न होती है. इन्हीं में से सबसे बड़ी दिक्कत होती है विवाह की. इसलिए कभी कभी मांगलिक लड़के की मांगलिक लड़की से ही शादी की जाती है. ऐसा करने से दोनों का मंगल दोष समाप्त हो जाता है.
माना जाता है कि मांगलिक दोष मनुष्य के दांपत्य जीवन को प्रभावित करता है. मंगल दोष व्यक्ति के विवाह में देरी अथवा अन्य प्रकार की रुकावटों का कारण होता है.
जानें कैसे पहचान सकते है कि आप मांगलिक है या नहीं
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी मनुष्य की कुंडली में यदि मंगल ग्रह पहले, चौथे, सातवें, आठवें और 12वें भाग में बैठा हो तो वह मनुष्य मांगलिक है.
इसके प्रभावों को कम करने के लिए जातक को मंगल दोष के उपाय करने चाहिए. वहीं यदि कुंडली में मंगल के साथ ही राहु भी बैठ जाता है, तो मांगलिक प्रभाव खत्म माना जाता है, साथ ही राहु भी अपना असर खो देता है.
मंगल दोष दूर करने के सरल उपाय
उज्जैन में भगवान मंगलनाथ का मंदिर है, यहां स्वयं मंगलग्रह ने तपस्या की थी. वहीं कुछ पौराणिक जानकारों के अनुसार यहीं से मंगल की उत्पत्ति हुई थी. ऐसे में इस स्थान में चावल अर्थात भात के द्वारा भगवान मंगलनाथ महादेव का श्रंगार करके उनका विधि अनुसार पूजन किया जाता है, इससे मंगलदोष की शांति होती है.
मंगल दोष में मनुष्य को मंगलवार का व्रत करना चाहिए. मंगलवार का दिन हनुमान जी की आराधना का दिन होता है. इस दोष में इस दिन को विशेष और शुभ माना गया है, इसलिए इस दिन व्रत करना चाहिए. व्रत रखने से आपके दोष के कारण आपके जीवन की रुकावटों में कम दिक्कतें आएंगी.
मंगलवार के दिन सुंदरकांड का पाठ, हनुमानाष्टक मंत्र और बजरंग बाण का जाप करना चाहिए. इसके अलावा इस दिन किसी लाल वस्त्र में मसूर की दाल को लपेटकर भिखारी को दान करनी चाहिए. यह करने से भी मनुष्य को अधिक लाभ मिलता है.
समस्त देवों के सेनापति कहे जाने वाले मंगल ग्रह को कभी भी किसी भी व्यक्ति को साधारण नहीं समझना चाहिए. यदि मंगल ग्रह रुष्ट है. तो आप कितना भी कठिन परिश्रम करें आपको सफलता प्राप्त करने में मुश्किलों का सामना करना ही पड़ेगा.
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