Mangalwar vrat katha: इस कथा को पढ़े बिना नहीं मिलता बजरंगबली की पूजा का फल

 
Mangalwar vrat katha: इस कथा को पढ़े बिना नहीं मिलता बजरंगबली की पूजा का फल

Mangalwar vrat katha: हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन भगवान श्री राम के भक्त हनुमान जी का दिन कहा गया है. हनुमान जी जिन्हें बजरंगबली और संकट मोचन के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है जिस व्यक्ति के ऊपर हनुमान जी की विशेष कृपा रहती है उस व्यक्ति का जीवन में कभी भी अहित नहीं हो पाता. ऐसे में यदि आप भी हनुमान जी के भक्त हैं और उनकी कृपा प्राप्त करना चाहते हैं.

तो हमारे आज के इस लेख में हम आपको मंगलवार के दिन व्रत के दौरान पढ़ी जाने वाली मंगलवार की कथा के बारे में बताएंगे. जिसे पढ़ने के बाद ही आपकी मंगलवार की पूजा पूर्ण मानी जाती है. ऐसी मान्यता है कि मंगलवार की कथा को पढ़े बिना बजरंगबली आपके जीवन में अपना आशीर्वाद नहीं बरसाते हैं. तो चलिए जानते हैं…

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यहां पढ़ें मंगलवार की व्रत कथा(Mangalwar vrat katha)

एक नगर में एक ब्राह्मण दंपत्ति थे. जिनकी कोई संतान नहीं थी. वह हर रोज मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने उनके मंदिर जाया करते थे. ब्राह्मण व्यक्ति की पत्नी हनुमान जी को भोग लगाती थी और अपना व्रत खोलती थी.

एक बार जब वह हनुमान जी का भोग नहीं बना पाई, तब उसने यह प्रण ले लिया कि वह जब तक अगले मंगलवार को हनुमान जी को भोग नहीं लगा लेगी. तब तक वह अन्न नहीं ग्रहण करेगी. इस तरह से

पूरे 6 दिन तक भूखी प्यासी रहने की वजह से ब्राह्मण महिला बेहोश हो गई. जिसकी भक्ति से प्रसन्न होकर हनुमान जी ने उसे दर्शन दिए और उसे एक पुत्र का वरदान दिया. ब्राह्मण महिला ने उस बालक का नाम मंगल रखा.

जब उसने यह बात अपने पति को बताई कि बजरंगबली की कृपा से उसे पुत्र की प्राप्ति हुई है, तब उसके पति को उसकी बात पर विश्वास नहीं हुआ, और वह अपने पुत्र को कुएं में फेंक आया, लेकिन कुछ ही समय बाद मंगल वापस जीवित हो गया.

जिसके बाद जाकर ब्राह्मण व्यक्ति को विश्वास हुआ कि मंगलवार के व्रत का विधि विधान से पालन करने पर बजरंगबली ने उन्हें आशीर्वाद दिया है. इस तरह से मंगलवार का व्रत करने पर व्यक्ति को हनुमान जी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है.

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