Peepal tree: पीपल के पेड़ की परिक्रमा करने से क्या होता है, जानें फायदे
Peepal tree: पीपल के पेड़ को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र माना जाता है, और विशेष रूप से उत्सवों और धार्मिक कार्यक्रमों के समय इसकी परिक्रमा लगाई जाती है. पीपल के पेड़ की परिक्रमा को धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं के कारण भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व दिया जाता है. पीपल के पेड़ की परिक्रमा का तो अपना एक विशेष महत्व है ही, जिसके बारे में आपको बतायेंगे लेकिन उस से पहले आपको पीपल के पेड़ के विभिन्न महत्व के बारें में बताते हैं.
पीपल (Peepal tree) के पेड़ की परिक्रमा क्यों करें?
• धार्मिक महत्व- पीपल वृक्ष हिन्दू और बौद्ध धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है. हिन्दू धर्म में इसे 'अश्वत्थ वृक्ष' के नाम से भी जाना जाता है और इसे त्रिमूर्तियों (ब्रह्मा, विष्णु, और शिव) का प्रतीक माना जाता है.
• ऐतिहासिक महत्व- पीपल के पेड़ के नीचे भगवान बुद्ध को बोधि प्राप्त हुआ था, जिससे बोधगया का महत्वपूर्ण बौद्ध स्थल बना इसलिए, यह वृक्ष बौद्ध धर्म संबंधी ऐतिहासिक पर्वतारोहण स्थल है.
• पर्वतारोहण संबंधी परंपरा- पीपल (Peepal tree) के पेड़ को अनेक आध्यात्मिक गुरुओं और साधकों ने ध्यान और तपस्या के लिए चयन किया है. इसे ध्यान करके और नीचे बैठकर ध्यान करने से शांति, समृद्धि, और आत्मिक उन्नति मिलती है, इसलिए योगियों और धार्मिक लोगों के लिए इस वृक्ष को महत्वपूर्ण माना जाता है.
• प्राकृतिक महत्व- पीपल (Peepal tree) का वृक्ष विशेष रूप से वनस्पतिशास्त्र में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है. इसके पत्ते, फल, और छाल आयुर्वेद में औषधीय गुणों के लिए प्रयोग किए जाते हैं.
पीपल के पेड़ की परिक्रमा का महत्व
• महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल- पीपल (Peepal tree) के पेड़ की भारत में विशेष मान्यता है क्योंकि भगवान विष्णु इस पेड़ में वास करते हैं. इसलिए इसकी परिक्रमा करना लाभप्रद माना जाता है.विभिन्न पौराणिक कथाएँ भी इसके प्रति भक्तों की भावना और श्रद्धा को बढ़ाती हैं.
• धार्मिक क्रियाएँ- पीपल के पेड़ के नीचे धार्मिक कर्म करने का महत्वपूर्ण स्थान है. धार्मिक अनुष्ठानों, पूजा, प्रार्थना और हवन जैसे कार्यक्रमों के दौरान पीपल के पेड़ की परिक्रमा लगाई जाती है.
• धार्मिक महत्व- इस पेड़ के प्रति धार्मिक संस्कृति में विशेष सम्मान है. यह पेड़ शांति, समृद्धि, और पेड़ की परिक्रमा करना भगवान के साथ संवाद का माध्यम भी माना जाता है.
• पौराणिक कथाएँ- पीपल के पेड़ को कई पौराणिक कथाओं में उल्लेख किया गया है। इन कथाओं में भगवान विष्णु या शिव का पीपल के पेड़ के नीचे में तप करना और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करना वर्णित है. इसलिए इस पेड़ की परिक्रमा करना शुभ माना जाता है.
• आयुर्वेद में महत्व- पीपल के पेड़ के तने, पत्ते और फल को आयुर्वेद में औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है. इसलिए, लोग इसके चारों ओर चक्कर लगाने के साथ-साथ इसका सम्मान करते हैं.
इन सभी कारणों से, पीपल के पेड़ की परिक्रमा को हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया जाता है और इसे संतुष्टि, शांति और समृद्धि के साथ जुड़ा जाता है.
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