Ram Navmi 2023: बिहार स्थित इस मंदिर में दो देशों की सीमा में बंटे हुए हैं भगवान श्री राम और माता सीता, जानें क्यों...

 
Ram Navmi 2023: बिहार स्थित इस मंदिर में दो देशों की सीमा में बंटे हुए हैं भगवान श्री राम और माता सीता, जानें क्यों...

Ram Navmi 2023: हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के अवतार श्री राम को काफी पूजनीय माना गया है. यही कारण है कि विभिन्न धार्मिक अवसरों पर भगवान विष्णु के अवतार श्री राम को पूजा जाता है. ऐसे में चैत्र नवरात्रि के 8वें और 9वें दिन भगवान श्री राम की आराधना की जाएगी, जिसे राम नवमी के नाम से जाना जाता है. ऐसे में यदि आप भी भगवान श्री राम के भक्त हैं और उनके अनोखे मंदिर के बारे में जानना चाहते हैं, तो हमारे आज के इस लेख में हम आपको बिहार में भगवान श्री राम और माता सीता के ऐसे मंदिर के बारे में बताने वाले हैं, जहां का इतिहास काफी रोचक है. इस मंदिर में भगवान श्री राम और माता सीता का मंदिर 2 देशों की सीमाओं के बीच बंटा हुआ है, जिसके बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं.

बिहार स्थित राम जानकी मंदिर का इतिहास

भारत के बिहार राज्य के सुपौल नामक गांव में भगवान श्री राम का एक ऐसा मंदिर स्थित है, जहां भगवान श्री राम और माता सीता दोनों की प्रतिमाएं दो देशों की सीमाओं के बीच में स्थापित मंदिरों में रखी हुई है. इस तरह से इस मंदिर में भगवान श्रीराम भारत के हिस्से में आते हैं और सीता मैया नेपाल के हिस्से में.

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भगवान श्री राम और माता सीता का यह अनोखा मंदिर भारत और नेपाल के बॉर्डर पर स्थित है जोकि सीमा पर स्थित सुपौली जिले के कुनौली नामक गांव में बना हुआ है. मंदिर की खास बात यह है कि यह मंदिर दोनों देशों के बीच मौजूद सीमा पर पड़ता है, जिस कारण इस मंदिर में दोनों देशों के नागरिक धार्मिक अनुष्ठान के लिए पहुंचते हैं.

इस मंदिर में होने वाले किसी भी कार्यक्रम में दोनों देशों के नागरिक हिस्सा ले सकते हैं और बिना किसी रोक-टोक के इस मंदिर में कोई भी जा सकता है. इस मंदिर के आसपास सीमावर्ती इलाके में रहने वाले लोग बेहद सद्भाव के साथ रहते हैं, जिस कारण इस मंदिर को सद्भावना स्थल के नाम से भी जाना जाता है.

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यह मंदिर दोनों देशों के बीच सद्भावना की मिसाल को पेश करता है, इसी मंदिर के समीप हनुमान जी का भी एक मंदिर मौजूद है, जहां हनुमान जी का एक पैर भारत तो दूसरा पैर नेपाल के इलाके में लगता है, इतना ही नहीं हनुमान जी के सीने पर बनी राम सीता की प्रतिमाएं भी दो देशों के बीच में बंटी हुई हैं, इस प्रकार बिहार के इस मंदिर में दूर-दूर से लोग दर्शन करने पहुंचते हैं.

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