Ramayan facts: इस पक्षी ने दिया था माता सीता को श्राप...जिस कारण होना पड़ा था उन्हें प्रभु श्री राम से अलग, जानिए ये रोचक कहानी

 
Ramayan facts: इस पक्षी ने दिया था माता सीता को श्राप...जिस कारण होना पड़ा था उन्हें प्रभु श्री राम से अलग, जानिए ये रोचक कहानी

Ramayan facts: हिंदू धर्म के प्रमुख धार्मिक ग्रंथों में रामायण का विशेष महत्व है. रामायण की कहानी से हम सभी परिचित है.

जहां भगवान विष्णु ने श्री राम का अवतार लेकर रावण का वध किया था, और सीता माता को उसकी कैद से आजाद कराया था.

लेकिन इसके अतिरिक्त भी रामायण की कई सारी कहानियां और रोचक तथ्य हैं, जिनके बारे में आप शायद ही जानते होंगे.

एक ऐसी ही कहानी है जोकि प्रभु श्री राम और माता सीता के वियोग से जुड़ी है. तो चलिए जानते हैं क्या थी भगवान श्री राम और सीता माता के वियोग की कहानी….

इस श्राप के कारण अलग हुए थे श्री राम और माता सीता

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब माता सीता बचपन में एक बार अपनी सखियों के साथ बाग में खेल रही थी. तब उनकी नजर एक पेड़ पर पड़ी, जहां एक तोता और तोती आपस में कुछ बात कर रहे थे.

WhatsApp Group Join Now

तब माता सीता पेड़ के पीछे छिपकर उनकी बातें सुनने लगी. तोता और तोती आपस में एक दूसरे से कह रहे थे, कि निकट भविष्य में एक बहुत महान राजा जन्म लेगा, जिसका विवाह सीता नामक कन्या के साथ होगा.

जिसे सुनते ही माता सीता अचानक पेड़ के पीछे से निकल आती हैं और तोते और तोती से पूछती हैं… कि तुम दोनों को ये किसने कहा? जिस पर तोता और तोती ने बताया कि महृषि वाल्मीकि अपने शिष्यों को ये बात बता रहे थे, तब हमने सुन लिया.

ये भी पढ़े:- हिदुओं के पवित्र ग्रंथ रामायण का महत्व और उससे जुड़े रोचक तथ्य

जिस पर माता सीता तोते की जोड़ी को बताती हैं, कि वह जिस सीता की बात कर रहे हैं, वह स्वयं ही हैं. जिस पर तोता और तोती घबरा जाते हैं, और कहते हैं कि अब हम यहां से दूर उड़ जाएंगे और फिर कभी नहीं आएंगे. जिस पर माता सीता कहती हैं, नहीं! मैं किसी को नहीं जाने नहीं दूंगी. अभी मुझे और बातें जाननी है.

जिसके बाद तोता कहता है कि नहीं हम आजाद पंछी है और आसमान में ही उड़ना चाहते हैं. लेकिन माता सीता हट करने लगती हैं और जब उन्हें यह मालूम पड़ता है कि मादा तोती गर्भवती है, तब वह उसे रोक लेती हैं और नर तोते को उड़ जाने को कहती है.

लेकिन इधर नर तोता मादा तोती से अलग होने के बाद जी नहीं सका और उसने अपने प्राण त्याग दिए. नर तोता मरने से पहले माता सीता को ये श्राप दे गया कि जैसे वह अपने साथी का वियोग सहन कर रहा था, ठीक उसी प्रकार से माता सीता को भी अपने पति से अलग रहना पड़ेगा.

https://www.youtube.com/watch?v=fdq2souJLCQ

यही कारण है कि जब श्री राम रावण का वध करके अयोध्या लौटे. तब माता सीता की पवित्रता पर प्रश्न चिह्न लगाए जाने लगे, यहां एक कि भरी सभा में एक बार एक धोबी ने भी माता सीता का काफी अपमान किया. जिसके बाद ही प्रभु श्री राम ने माता सीता को जंगल में रहने का आदेश दे दिया था.

उस दौरान माता सीता गर्भवती थी, और यही कारण है कि उन्होंने लव कुश को महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में जन्म दिया था. कहा जाता है कि जिस धोबी ने माता सीता का अपमान किया था, वह वही तोता था, जिसने माता सीता को पति वियोग का श्राप दिया था. जिस कारण ही माता सीता को श्री राम से अलग होना पड़ा.

इस प्रकार, रामायण की इस कहानी से हमें ये प्रेरणा मिलती है कि हर व्यक्ति को अपने कर्मों का फल प्राप्त होता है, इसलिए हमें जानबूझकर किसी को दुःख नहीं पहुंचाना चाहिए.

Tags

Share this story