Sakat 2023: इस दिन रखा जाएगा सकट का व्रत, माताएं नोट कर लें पूजा सामग्री और विधि
Sakat 2023: हिंदू धर्म में सकट का पर्व बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. सकट के व्रत में मुख्य तौर पर माताएं अपनी संतान की दीर्घायु के लिए व्रत आदि का पालन करती हैं.
सकट के व्रत को तिलकुट, संकष्टी चतुर्थी, माघ चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. सकट का व्रत महिलाएं अपनी संतान के जीवन में तरक्की और सफलता की कामना हेतु रखती हैं.
ऐसे में इस बार साल 2023 में सकट का व्रत 10 जनवरी को रखा जाएगा, जिसका पराण 11 जनवरी को किया जाएगा. ऐसे में हमारे आज के इस लेख में हम आपको सकट व्रत की विधि और उपयुक्त सामग्री के बारे में बताने वाले हैं. चलिए जानते हैं….
सकट व्रत की पूजा विधि
इस दिन प्रात काल में उठकर सबसे पहले व्रती को व्रत लेने का संकल्प लेना चाहिए.
इसके बाद आपको गणेश जी की प्रतिमा को एक चौकी पर रखना चाहिए, जिसके नीचे लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछा दें.
गणेश जी की मूर्ति को स्थापित करने के बाद गंगाजल से उनका छिड़काव करें.
इसके बाद पूजा की थाली में सुपारी, पान, रोली, चावल, दुर्वा घास और फूल अवश्य रखें.
इसके बाद गणेश जी को तिल के लड्डू, शकरकंद और गजक का भोग लगाना चाहिए.
सकट वाले दिन आप सकट के व्रत की कथा अवश्य पढ़ें और गणेश जी के आगे घी का दीया जलाएं.
इसके बाद अपनी संतान की कामना पूर्ति हेतु गणेश जी का ध्यान करें, और अपने व्रत का विधि विधान से पालन करें.
सकट का व्रत सूर्यास्त के बाद चंद्रमा निकलने के दौरान चंद्र देवता को अघर्य देने के बाद पूर्ण माना जाता है. इस दिन चंद्रमा को जल चढ़ाते समय उसमें रोली या चंदन अवश्य मिला लें.
सकट व्रत का शुभ समय
10 जनवरी 2023 12 बजकर 9 मिनट पर शुरू
11 जनवरी 2023 2 बजकर 31 मिनट समाप्ति
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सकट व्रत का महत्व
सकट के व्रत को रखने मात्र से महिलाएं अपनी संतान के जीवन में खुशहाली लेकर आती है. इसके साथ ही संतान पर गणेश भगवान का आशीर्वाद बना रहता है, सकट व्रत को रखने से व्यक्ति के जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं, और माता पार्वती की कृपा से आपकी संतान की जीवन में हमेशा सुख समृद्धि और शांति बनी रहती है.