Sawan 2022: कैसे हुई शिवलिंग की स्थापना? और शिव जी ने लिया लिंगम अवतार, जानिए
Sawan 2022: सावन का महीना प्रमुख रूप से भगवान शिव की आराधना का महीना माना जाता है. इस महीने में प्रमुख रूप से शिव भक्त शिव जी को खुश करने के लिए संपूर्ण तन, मन और धन से उनकी आराधना करते हैं. इतना ही नहीं, शिव जी के स्वरूप शिवलिंग का भी पूर्ण श्रद्धा के साथ रुद्राभिषेक करते हैं.
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लेकिन क्या आप जानते हैं, कि भगवान शिव का ये शिवलिंग कहां और कब से अवतरित हुआ? साथ ही भगवान शिव को क्यों लेना पड़ा लिंगम अवतार. हमारे आज के इस लेख में हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने वाले हैं. तो चलिए जानते हैं…
कैसे प्रकाश में आया शिव जी का लिंगम अवतार यानि शिवलिंग?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार जब महर्षि भृगु तीनों लोकों में सर्वश्रेष्ठ की पहचान करने निकले. तब सबसे पहले वे ब्रह्मा जी के पास पहुुंचे. लेकिन महर्षि भृगु को जब लगा कि ब्रह्मा जी में सर्वश्रेष्ठ होने के सारे गुण मौजूद नहीं है. तब वह शिव जी के पास गए. महर्षि भृगु जब कैलाश पर्वत पर पहुुंचे.
तब उन्होंने देखा कि शिव जी अपनी तपस्या में लीन है. ऐसे में शिव जी ने जब महर्षि भृगु पर ध्यान नहीं दिया, तब उन्होंने इसे अपना अपमान समझ लिया. जिसके बाद उन्होंने शिव जी को श्राप दे दिया. कि कलियुग में भगवान शिव को कदापि नहीं पूजा जाएगा.
इस श्राप को सुनकर शिव जी ने अपना तीसरा नेत्र खोल लिया. और उसके बाद महर्षि भृगु से विनती की. वह उस श्राप को वापिस ले लें. अन्यथा सृष्टि का संतुलन बिगड़ जाएगा. ऐसे में महर्षि भृगु जोकि अपना श्राप तो वापिस नहीं ले सके.
लेकिन उन्होंने शिव जी के ब्रहमांड रूपी लिंगम अवतार को कलियुग में पूजने योग्य बना दिया. तभी से शिव जी के स्वरूप के तौर पर शिवलिंग की पूजा की जाती है. और इसका विशेष महत्व भी माना गया है.