Shani Dev Mantra: शनिवार को यदि आप भी करते हैं शनिदेव की आराधना, तो इन मंत्रों का जाप करना ना भूलें
Shani Dev Mantra: शनि देव न्याय प्रिय देवता कहा गया है. ऐसी मान्यता है कि जिस भी व्यक्ति के जीवन में शनिदेव का आशीर्वाद रहता है, वह व्यक्ति अपने जीवन में हमेशा तरक्की और सफलता अर्जित करता है. इसके विपरीत जिस भी व्यक्ति के ऊपर शनि की बुरी दृष्टि पड़ जाए. उस व्यक्ति का अनिष्ट होना निश्चित है.
यही कारण है कि हर व्यक्ति अपने जीवन में शनि की बुरी नजर को अपने ऊपर नहीं पड़ने देना चाहता. जिसके लिए वह शनिदेव को खुश करने से जुड़े तमाम उपाय इत्यादि करता है. शनिदेव को प्रसन्न करने और उनकी साढ़ेसाती से बचने के लिए शनिवार का दिन सबसे उपयुक्त है.
शनिवार के दिन शनिदेव के मंदिर में जाकर पर तेल अर्पित कर सकते हैं. इसके अलावा आपके पीपल के पेड़ के नीचे दिया भी चला सकते हैं. साथ ही शनिदेव के मंदिर जाकर शनिदेव की विधि-विधान से पूजा अर्चना करने पर भी शनिदेव आपसे प्रसन्न रहते हैं. कई बार आपके बुरे सामाजिक व्यवहार के कारण भी शनिदेव आपसे नाराज हो जाते हैं.
ऐसे में सबसे आवश्यक है कि आप शनिदेव को खुश करने के लिए अपना व्यवहार अच्छा रखें और निर्बल को ना सताएं. ऐसा करने से आप शनिदेव की कृपा (Shani Dev Mantra) प्राप्त करते हैं और और आपको उनका आशीर्वाद मिलता है.
ऐसे में हमारे आज के इस लेख में हम आपको शनिदेव की आराधना से जुड़े कुछ एक मंत्र (Shani Dev Mantra) बताएंगे, जिनका उच्चारण करने मात्र से आप पर शनिदेव की कृपा बनी रहती है.
शनि देव (Shani Dev Mantra) के प्रभावशाली मंत्र
शनि महामंत्र
”ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम\”, छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम !!
शनि दोष निवारण मंत्र
ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम, उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात!!
शनि का पौराणिक मंत्र
ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम ! छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम् !!
शनि का वैदिक मंत्र
ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः
शनि गायत्री मंत्र
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्, ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शंयोरभिश्रवन्तु नः
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