Shanidev: क्यों अपने ही पिता से नाराज रहते हैं शनि देव? कारण जानकर आपको भी होगी हैरानी
Shanidev: हिंदू धर्म में शनिदेव को न्याय प्रिय देवता के तौर पर पूरा जाता है. कहा जाता है कि जिस भी व्यक्ति के ऊपर शनि देव की बुरी दृष्टि पड़ जाए, उसका अनिष्ट निश्चित है. यही कारण है कि हिंदू धर्म में हर व्यक्ति शनिदेव की बुरी नजर से बचने के लिए अनेकों जतन करता है, ताकि उसे शनिदेव की कुदृष्टि से छुटकारा मिल सके. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शनिदेव की बुरी दृष्टि का प्रभाव उनके अपने पिता सूर्यदेव पर भी पड़ चुका है, जिस कारण सूर्य देव और शनि देव आपस में काफी बैर मानते हैं, यदि आप यह नहीं जानते कि भगवान शनि देव अपने पिता सूर्य देव से क्यों नाराज रहते हैं? तो हमारे आज के इस लेख में हम आपको शनि देव और सूर्य देव से जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में बताने वाले हैं.
आखिर सूर्यदेव से क्यों नाराज रहते हैं शनि देव?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य देव का विवाह संज्ञा नामक स्त्री के साथ हुआ था. लेकिन सूर्यदेव के घोर ताप की वजह से संज्ञा उनके साथ नहीं रहना चाहती थी. जिसके बाद वह अपने पिता के घर वापस चली गई,
लेकिन उनके पिता ने उन्हें कहा कि सूर्य लोक ही अब तुम्हारा घर है. ऐसे में संज्ञा के मस्तिष्क में एक योजना सूझी और उन्होंने सूर्य लोक में अपनी छाया सुवर्णा को भेज दिया. उधर सूर्य देव को इस बात की कोई जानकारी नहीं थी,
उनकी पत्नी संज्ञा की जगह पत्नी की छाया सुवर्णा उनके साथ रह रही हैं. ऐसे में एक दिन जब सुवर्णा ने भगवान शनिदेव को जन्म दिया, तब सूर्य देव के अधिक तप और गर्मी के कारण शनिदेव का चेहरा काला पड़ गया, ऐसे में जब शनिदेव का जन्म हुआ,
तब उनके पिता सूर्य देव ने उन्हें अपनाने से मना कर दिया. उनका कहना था कि यह इतना काला बालक मेरा नहीं हो सकता, कहा जाता है कि शनि देव की दृष्टि पड़ते ही सूर्य देव का चेहरा भी काला हो चुका था,
ऐसे में सूर्य देव अपनी व्यथा को लेकर महादेव के पास पहुंचे, तब जाकर महादेव ने उन्हें पूरा सच बताया. हालांकि सूर्यदेव को अपनी गलती का एहसास हुआ, लेकिन फिर भी शनि देव ने अपने पिता सूर्य देव को आज तक माफ नहीं किया.
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यही कारण है कि पिता-पुत्र के संबंधों में शुरू से दरार है, इसी कारण शनिदेव के भक्तों को शनिवार के दिन सूर्य देव से जुड़ी चीजों का दान करने की मनादि है.