Shiva's Third Eye Mystery: देवों के देव महादेव को ऐसे मिली थी तीसरी आंख, जिसके खुलते ही हो जाएगा संपूर्ण सृष्टि का विनाश
Shiva's Third Eye Mystery: हिंदू धर्म में त्रिदेवों को मुख्य भगवान का दर्जा दिया जाता है. जिनमें से देवों के देव महादेव को सबसे अधिक माना जाता है. महादेव यानि भगवान शिव को सृष्टि का संहारकर्ता कहा जाता है. यही कारण है कि शिव जी के भक्त ऐसा कोई भी काम भूल से नहीं करते हैं, जिससे महादेव उनसे नाराज हो जाएं. इतना ही नहीं, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्तों द्वारा अनेकों उपाय भी किए जाते हैं,
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ताकि भगवान शंकर का आशीर्वाद सदा आपके ऊपर बना रहे. तो जैसा कि विदित है कि शंकर जी के पास एक तीसरा नेत्र भी है, मान्यता है कि जब सृष्टि का विनाश होने वाला होगा, तब शिव जी अपनी तीसरी आंख खोलेंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिव जी को तीसरी आंख कैसे मिली? यदि नहीं! तो चलिए जानते हैं…
शिव जी की तीसरी आंख के पीछे छिपा है ये रहस्य
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार जब माता पार्वती ने अपने दोनों हाथों से शिव जी की तीसरी आंख बंद कर दी थी, तब संपूर्ण सृष्टि पर अंधेरा छा गया था, उस समय ना तो सूर्य का प्रकाश कहीं नज़र आ रहा था, और ना ही कोई अन्य रोशनी धरती पर पड़ रही थी.
ऐसे में शिव जी ने धरती की रक्षा करने के लिए अपने मस्तक पटल पर एक ज्योति बिंदु उत्पन्न किया. जिसने धरती को पुन: प्रकाशमय किया. तभी से शिव जी की तीसरी आंख अस्तित्व में आई. कहते हैं उसके बाद शिव जी की तीसरी आंख बंद है,
जोकि अब तभी खुलेगी जब धरती पर विनाश होना सुनिश्चित हो जाएगा. मान्यता है कि शिव जी की आंखे जगत की पालनहार हैं, जिनमें सृष्टि की संपूर्ण रक्षा का उत्तरदायित्व परिलक्षित होता है.