Shivji Temple Mystery: शिव जी के इस मंदिर पर हर 12 साल बाद गिरती है बिजली, लेकिन नहीं होता कोई भी नुकसान, जानिए क्यों?

 
Shivji Temple Mystery: शिव जी के इस मंदिर पर हर 12 साल बाद गिरती है बिजली, लेकिन नहीं होता कोई भी नुकसान, जानिए क्यों?

Shivji Temple Mystery: देवों के देव महादेव हिंदू धर्म के प्रमुख देव के तौर पर पूजे जाते हैं. माना जाता है कि जो भी व्यक्ति शिवजी की सच्चे मन से आराधना करता है, काल भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाता. ऐसे में शिव जी की आराधना करने मात्र से व्यक्ति के जीवन में उसे सुख शांति का अनुभव होता है. साथ ही जिस व्यक्ति पर महादेव की कृपा होती है, उसके जीवन में कभी भी परेशानियां नहीं आती.

इतना ही नहीं भगवान शिव अपने भक्तों पर सदैव अपनी विशेष कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं. इसी कड़ी में हम आपको शिवजी के कैसे मंदिर से रूबरू कराने वाले हैं, जिसका रोचक इतिहास जानकर आप भी बेहद आश्चर्य में पड़ जाएंगे. इतना ही नहीं, इस मंदिर का विशेष धार्मिक महत्व है, तो चलिए जानते हैं…

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शिवजी के इस मंदिर में क्यों इंद्रदेव गिराते हैं बिजली, और क्यों होता है यहां शिवलिंग पर मक्खन से लेप

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में मौजूद शिवजी के मंदिर को बिजली महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर में हर 12 साल में इंद्रदेव द्वारा बिजली गिराई जाती है. इस दौरान मंदिर में किसी भी प्रकार का कोई नुकसान या तबाही नहीं होती है. जिसे देखकर हर कोई आश्चर्यचकित हो जाता है. हमारे आज के इस लेख में हम आपको इसी मंदिर के इस रहस्य के बारे में बताने वाले हैं.

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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माना जाता है कि इस स्थान पर प्राचीन समय में कुलांतक नाम का दानव रहा करता था. जिसने अपनी शक्ति के बल पर व्यास नदी को रोककर घाटी को दबाने की कोशिश की थी. जिसके बाद महादेव ने इस दानव का वध कर दिया था. माना जाता है कि उस दानव का शरीर ही आगे चलकर एक पहाड़ बन गया, जिस पर यह मंदिर आज विराजमान हैं.

कहा जाता है कि शिवजी के आदेश पर इंद्रदेव यहां हर 12 साल पर दानव के शरीर पर बिजली गिराते हैं, जिस कारण मंदिर पर भी बिजली गिरती है, लेकिन महादेव की कृपा से मंदिर को कुछ भी नुकसान नहीं पहुंचता. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में जब भी 12 साल के बाद इंद्र देव द्वारा बिजली गिराई जाती है. उसके बाद मंदिर के पुजारी शिवलिंग का मक्खन से लेप करते हैं, उसके बाद विधि विधान से शिवजी की पूजा की जाती है. इस मंदिर से जुड़ यह रहस्य आज भी कई लोगों को आश्चर्य में डाल देता है.

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