Shiv's Daughter: दो पुत्रों के अलावा भोलेनाथ की एक बेटी भी है मौजूद, जानिए शिव जी की इस कन्या का सच

 
Shiv's Daughter: दो पुत्रों के अलावा भोलेनाथ की एक बेटी भी है मौजूद, जानिए शिव जी की इस कन्या का सच

Shiv's Daughter: देवों के देव महादेव त्रिदेवों में से एक हैं. जिनकी महिमा का बखान पूर्ण रूप से कोई नहीं कर सकता है. भोलेनाथ एकमात्र ऐसे देवता हैं जिनका संपूर्ण परिवार है. साथ ही इनके पूरे परिवार को हिंदू धर्म में विशेष तौर पर पूजा भी जाता है. भगवान शिव की पत्नी गौरा मैया को हर सुहागिन पूजा करती है.

वहीं शिव के बड़े पुत्र कार्तिकेय जी की कथा सर्वदा प्रचलित है. शिव जी के छोटे पुत्र गणेश जी तो प्रथम पूजनीय देवता है साथ ही रिद्धि व सिद्धि के दाता हैं. इस प्रकार भगवान शिव के परिवार के विषय में इतना तो सब जानते होंगे.

लेकिन क्या आप जानते हैं? शिव शम्भू के इस पवित्र परिवार में एक बेटी भी है. जी हां, आपको सुनकर आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि शिव शंकर की एक पुत्री भी है. जिसको इंद्र देव से विवाह करने का वरदान भी प्राप्त था.

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Shiv's Daughter: दो पुत्रों के अलावा भोलेनाथ की एक बेटी भी है मौजूद, जानिए शिव जी की इस कन्या का सच
Imagecredit:- thevocalnewshindi

तो आइए हम आपको बताते हैं भगवान शिव की उस दिव्य पुत्री के विषय में.

भगवान शिव की बेटी का नाम

हिंदू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवी पार्वती अपने अकेलेपन को महसूस कर रही थी. जिसे दूर करने के लिए उन्होंने कल्प वृक्ष से एक कन्या प्राप्ति का वरदान मांगा. उनकी इस इच्छा से एक सुंदर कन्या का जन्म हुआ जिसका नाम अशोक सुंदरी था.

शिव व पार्वती जी की पुत्री अशोक सुंदरी का विवाह राजा नहुष से हुआ था. जिसके बाद माता पार्वती के आशीर्वाद अशोक सुंदरी की कोख से ययाति जैसे बलवान व सौ रूपवती कन्याओं का जन्म हुआ.

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अशोक सुंदरी के विवाह का वरदान ना हुआ पूरा

माता पार्वती ने अपनी पुत्री अशोक सुंदरी को इंद्र देव से विवाह करने का वरदान प्रदान किया था. लेकिन एक बार की बात है, जब कन्या अशोक सुंदरी अपनी सहेलियों के साथ वन में विचरण करने गई तो वहां हुंड नामक राक्षस अा गया. जो अशोक सुंदरी को देखकर उस पर मोहित हो गया और शादी का प्रस्ताव रख दिया.

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अशोक सुंदरी ने उसके विवाह के प्रस्ताव को इंकार दिया और अपना नहुष से ही होगा ये उस राक्षस को बताया. अशोक सुंदरी की ये बातें सुनकर वह राक्षस भड़क उठा और नहुष को मारने की धमकी दी. अशोक सुंदरी ने उसके घमंड को तोड़ते हुए उस राक्षस से कहा कि उसकी मृत्यु भी नहुष के हाथों ही होगी.

इस बात से डरकर राक्षस ने नहुष का अपहरण कर लिया, लेकिन हुंड राक्षस की एक दासी ने नहुष को बचा लिया. जिसके बाद नहुष ने ही उस राक्षस का वध किया और अशोक सुंदरी से विवाह किया.

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