Somvar shivling puja: लड़कियां और महिलाएं कर सकती हैं शिवलिंग की पूजा? जानिए क्या कहते हैं शास्त्र

Somvar shivling puja: हिंदू धर्म में देवों के देव महादेव (Mahadev) की उपासना सोमवार के दिन विशेष तौर पर की जाती हैं. भगवान शिव जिन्हें धरती का संहरकर्ता कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव की उपासना करने से व्यक्ति को जीवन में सभी संकटों से छुटकारा मिल जाता है. भोलेनाथ की कृपा से व्यक्ति अपने जीवन में बड़ी से बड़ी परेशानी का आसानी से सामना कर लेता है.
यही कारण है कि हिंदू धर्म में भगवान शिव (Lord shiva) की उपासना बेहद तौर-तरीके से की जाती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिवलिंग की पूजा महिलाओं और लड़कियों द्वारा की जा सकती है, इसे लेकर हिंदू शास्त्रों (Hindu shastra) में क्या वर्णित है? आज हम आपको इसी के बारे में जानकारी देंगे, तो आइए जानते हैं...
तो चलिए जानते हैं...
महिलाओं और लड़कियों द्वारा शिवलिंग की पूजा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अविवाहित स्त्रियों को शिवलिंग (shivling) की परिक्रमा नहीं करनी चाहिए. इसके पीछे धर्मशास्त्रों में अनेक कारण बताए गए हैं. जिसमें सबसे प्रमुख कारण है कि ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव शिवलिंग के रूप में गंभीर तपस्या कर रहे होते हैं,
इस दौरान उनकी तपस्या भंग ना हो जाए, इसके लिए महिलाओं को शिवलिंग की परिक्रमा या स्पर्श करने की मनादि है. भगवान शिव की पूजा करते समय अप्सराएं बेहद सावधानी पूर्वक तरीके से शिवजी की उपासना करती हैं, ताकि शिव जी का ध्यान भंग ना हो.
ऐसे में कुंवारी कन्याओं को शिवलिंग को स्पर्श करके शिवजी की उपासना नहीं करनी चाहिए. दक्षिण भारत में भगवान शिव की पूजा केवल पुरुषों द्वारा ही की जाती है. यहां भगवान शिव के मंदिरों में केवल पुरुष पुजारी ही शिवजी की सेवा और श्रृंगार आदि करते हैं.
दूसरी तरफ, दक्षिण भारत में भगवान शिव और शालिग्राम का जलाभिषेक भी पुरुषों के द्वारा ही किया जाता है. महाकाल के मंदिर में भी महिलाओं को भगवान शिव का श्रृंगार देखने की अनुमति नहीं है.
जो महिलाएं या लड़कियां सोमवार के दिन भगवान शिव का व्रत या फिर सोलह सोमवार के व्रत रखती हैं, वह भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना कर सकती हैं, लेकिन इस दौरान भी उन्हें शिवलिंग को छूने से बचना चाहिए.
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