Surya Grahan: महाभारत काल में ग्रहण के दिन हुई थी ये घटनाएं, जिसने बदल कर रख दिया था इतिहास

 
Surya Grahan: महाभारत काल में ग्रहण के दिन हुई थी ये घटनाएं, जिसने बदल कर रख दिया था इतिहास

Surya Grahan: आज 20 अप्रैल 2023 को सूर्य ग्रहण लग रहा है. जोकि प्रातः काल 7:00 बजे से लेकर दोपहर 12:00 बजे तक प्रभावी रहेगा. हालांकि साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण भारत में मान्य नहीं होगा, जिसका सूतक काल भी नहीं लगेगा. लेकिन ज्योतिष की कुछ एक राशियों के लिए साल का पहला सूर्य ग्रहण अच्छा नहीं माना जा रहा है. जिस वजह से ग्रहण के दिन विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता है.

हमारे आज के इस लेख में हम आपको ग्रहण के दिन महाभारत काल में घटने वाली कुछ एक घटनाओं के बारे में बताने वाले हैं, जिनकी वजह से संपूर्ण आर्यवर्त का इतिहास बदल गया था. तो चलिए जानते हैं…

सूर्य ग्रहण के दिन महाभारत काल में कौन-सी घटना हुई थी?

महाभारत काल में जब पांडव मामा शकुनि द्वारा रचे गए चौपड़ खेल में अपना सब कुछ हार गए थे, उस दौरान युधिष्ठिर ने द्रौपदी को भी दांव पर लगा दिया था, कहा जाता है दुर्योधन द्वारा द्रौपदी का चीर हरण जिस समय किया गया था, वह ग्रहण का समय था.

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महाभारत काल में जब अर्जुन ने अपने पुत्र अभिमन्यु की मौत का बदला लेने की बात कही, तब अर्जुन ने जयद्रथ को मारने की प्रतिज्ञा ली, इस दौरान उन्होंने कहा था कि वह रणभूमि में सूर्यास्त से पहले जयद्रथ को मार देंगे, लेकिन उस दिन सूर्य ग्रहण था, जिस वजह से सूरज पहले ही अस्त हो चुका था, लेकिन ग्रहण काल के पश्चात जब सूर्य बाहर आया, तब अर्जुन ने जयद्रथ को मार दिया. इस प्रकार महाभारत की इस घटना के दौरान भी सूर्य ग्रहण का समय था.

भगवान श्री कृष्ण की द्वारिका नगरी भी जब पानी में डूबी थी, तब उस दौरान भी सूर्य ग्रहण का समय था. हालांकि भगवान श्री कृष्ण की द्वारिका नगरी के अवशेष आज भी गुजरात के काठियावाड़ स्थित अरब द्वीप में पाए जाते हैं. माता गांधारी के श्राप की वजह से भगवान श्री कृष्ण की द्वारिका नगरी पानी में डूब गई थी.

इस प्रकार से सूर्य ग्रहण के दिन महाभारत काल में अनेक बताएं घटित हुई थी, जिस वजह से ग्रहण का समय काफी हानिकारक माना जाता है.

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