Makar Sankranti 2023: इस दिन हुआ था शनिदेव और सूर्य देव का मिलन, जानें मकर संक्रांति का महत्व

 
Makar Sankranti 2023: इस दिन हुआ था शनिदेव और सूर्य देव का मिलन, जानें मकर संक्रांति का महत्व

Makar Sankranti 2023: हर साल की शुरुआत में मकर संक्रांति का पर्व बेहद उत्सुकता के साथ मनाया जाता है. मकर संक्रांति का पर्व संपूर्ण भारतवर्ष में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है.

कई जगहों पर मकर संक्रांति के पर्व को पोंगल, उत्तरायण, पांडुगा और खिचड़ी भोज के नाम से भी जाना जाता है. ज्योति शास्त्री माने तो मकर संक्रांति वाले दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं,

जिस कारण मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मकर संक्रांति वाले दिन ही शनिदेव अपने पिता सूर्यदेव से मिले थे, जिसका ज्योतिष शास्त्र में भी विशेष महत्व है.

हमारे आज के इस लेख में हम आपको सूर्य देव और शनि देव के मिलन से जुड़ी गाथाओं के बारे में बताएंगे, चलिए जानते हैं…

WhatsApp Group Join Now
Makar Sankranti 2023: इस दिन हुआ था शनिदेव और सूर्य देव का मिलन, जानें मकर संक्रांति का महत्व
Image credit:- thevocalnewshindi

शनि देव और सूर्य देव का मकर संक्रांति से संबंध

जैसा की आपको विदित है कि सूर्य देव शनि देव के पिता है, लेकिन शनिदेव के कुरूप के चलते उनके पिता ने उन्हें अपनाने से मना कर दिया था. ऐसे में जब मकर संक्रांति का पर्व आता है,

तो सूर्य देव शनि देव की राशि मकर में प्रवेश करते हैं, ज्योतिष शास्त्र में से बेहद अहम माना गया है. इसे आप आसानी से ऐसे समझ सकते हैं कि सूर्य देव जोकि देवों में काफी महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं.

वह जब चंद्र के साथ होते हैं, तब उस दौरान ज्योतिष शास्त्र में इसे कर्क संक्रांति कहा जाता है. इस दौरान किसी भी शुभ काम को नहीं किया जाता, लेकिन जब सूर्य देव अपने पुत्र शनि देव आपके पास आते हैं,

ये भी पढ़ें:- जानिए इस दिन क्यों करते हैं दान, ये है मकर संक्रांति का मतलब

तो इन्हें अच्छे दिन माना जाता है और जाता है कि सूर्य देव अपने पुत्र शनि देव के साथ अपने परस्पर संबंधों को सुधारने का प्रयत्न करते हैं, जिस कारण मकर संक्रांति का पर्व हिंदू धर्म में बेहद अहम माना गया है.

Tags

Share this story