Suryadev ki putri: सूर्यदेव की कौन है वह पुत्री, जिसने रचाया था श्री कृष्ण से विवाह... जानें ये कहानी
Suryadev ki putri: हिंदू धर्म में सूर्य देव को भी देवता का दर्जा दिया गया है. यही कारण है कि सप्ताह में रविवार के दिन सूर्य देवता की विधिविधान से पूजा अर्चना की जाती है. कहा जाता है जो भी व्यक्ति सूर्यदेव की विधि विधान से पूजा करता है, जीवन में वह मान सम्मान और सामाजिक प्रतिष्ठा हासिल करता है. ऐसे में रविवार के दिन सूर्य देव को अघर्य देने और सूर्य देव की पूजा करने से आपको जीवन में विशेष लाभ की प्राप्ति होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान सूर्य देव के भगवान शनि के अलावा दो पुत्रियां भी हैं, जिनमें से एक का विवाह भगवान श्री कृष्ण के साथ किया गया था, जिसके बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं. तो चलिए जानते हैं…
भगवान श्री कृष्ण और भगवान सूर्य देव की पुत्री के विवाह की कहानी
सूर्यदेव की दो पुत्रियां जिनका नाम कालिंदी और भद्रा था. एक बार सूर्य देव की पुत्री कालिंदी ने अपने पिता से धरती पर जाने
की बात कही. जिस पर सूर्य देव ने कालिंदी को ब्रज धाम में जाकर ताप करने को कहा.
ऐसे में जब द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने ब्रज में जन्म लिया, तब कालिंदी ने उनके दर्शन की अभिलाषा व्यक्त की. कहा जाता है जब भगवान श्री कृष्ण को वासुदेव टोकरी में रखकर गोकुल ले जा रहे थे,
तब कालिंदी ने भगवान श्री कृष्ण के चरणों को छुआ था, उसी कालिंदी नदी को आज यमुना नदी के नाम से जाना जाता है. भगवान श्री कृष्ण ने ब्रज में रहकर यमुना नदी के पास ही सारी लीलाएं रचाई,
लेकिन जब भगवान श्री कृष्ण को ब्रजधाम छोड़कर जाना पड़ा तब कालिंदी ने भगवान श्री कृष्ण को पति के रूप में पाने के लिए काफी घोर तपस्या की.
ऐसे में महाभारत युद्ध के पश्चात जब भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन ब्रजधाम पहुंचे, तब अर्जुन ने कालिंदी को तपस्या करते हुए देखा.
जिसके बाद अर्जुन ने कालिंदी से उनकी तपस्या का कारण जाने का प्रयास किया.
इसके बाद कालिंदी ने अर्जुन को अपनी इच्छा के बारे में बताया. ऐसे में जब भगवान श्री कृष्ण को अर्जुन से पता लगा कि कालिंदी बरसों से उनको पाने के लिए तपस्या कर रही हैं,
तब भगवान श्रीकृष्ण ने सूर्यदेव के पास जाकर कालिंदी का हाथ मांगा और तब से कालिंदी नदी यानी यमुना नदी को भगवान श्री कृष्ण की पत्नी के रूप में स्वीकार किया गया.
ये भी पढ़ें:- धरती पर क्यों अवतार लेते हैं भगवान? श्री कृष्ण ने गीता में कही है ये बात
यही कारण है कि कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति यमुना माता की विधि विधान से पूजा अर्चना करता है उस पर भगवान श्री कृष्ण अपना आशीर्वाद सदा बनाए रखते हैं.