Utpanna Ekadashi 2022: कल एकादशी के दिन जरूर करें ये अचूक उपाय, हर काम में मिलेगी मनचाही सफलता
Utpanna Ekadashi 2022: वैसे तो साल भर में कुल 24 एकादशी मनाई जाती हैं. जिनमें से मार्गशीर्ष के महीने में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है.
इस एकादशी के दिन जो भी व्यक्ति सच्चे मन से भगवान विष्णु की आराधना करता है, उस व्यक्ति को अवश्य ही मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. उत्पन्ना एकादशी के दिन जो भी व्यक्ति विधि विधान से एकादशी का व्रत रखता है,
और एकादशी के व्रत के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों पर विशेष ध्यान देता है, उस व्यक्ति पर भगवान विष्णु अपनी कृपा बरसाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी के दिन एकादशी माता उत्पन्न हुई थी, तभी से इसका नाम उत्पन्ना पड़ा.
इस बार जब एकादशी का व्रत रविवार के दिन पड़ रहा है, ऐसी में आपको व्रत के दौरान कई एक बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए. उत्पन्ना एकादशी पर आप कुछ एक उपाय करके भी भगवान विष्णु की कृपा पा सकते हैं. जिसके बारे में आगे हम बात करेंगे. तो चलिए जानते हैं…
उत्पन्ना एकादशी शुभ मुहूर्त और योग
19 नवंबर सुबह 10:29 बजे से आरंभ
20 नवंबर सुबह 10:41 बजे समाप्ति
प्रीति योग, आयुष्मान योग, द्विपुष्कर योग, अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग
उत्पन्ना एकादशी पर क्या करें उपाय?
इस एकादशी के दिन यदि आप संतान की प्राप्ति करना चाहते हैं, उपरोक्त मंत्र का जाप शुरू करें और करीब 108 बार तक इस मंत्र का जाप करें. आपको अवश्य लाभ होगा.
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि में तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः'
इस एकादशी पर यदि आप अपनी आर्थिक परेशानियों से हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहते हैं, तो नारियल को काटकर उसमें थोड़ा सा बूरा और देसी घी लाकर उसमें रख दें,
इसके बाद उस नारियल को ऐसी जगह गाड़ आएं, जहां चीटियों का बिल मौजूद हो, कहते हैं, जैसे जैसे चींटियां उस नारियल को खाएंगी, वैसे ही आपकी धन से जुड़ी परेशानियां दूर होंगी.
इस एकादशी यदि आप अपने किसी महत्वपूर्ण काम को पूरा होते देखना चाहते हैं, तो विष्णु जी और माता लक्ष्मी की पूजा करते समय उनका तिलक चंदन में गुलाब जल मिलाकर करें.
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आपको एकादशी के व्रत के दौरान भूल से भी अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए, अन्यथा आपका व्रत खंडित हो जाता है.
अपनी मनोकामना को पूरा करने के लिए करीब 27 एकदशियों तक श्री कृष्ण जी को नारियल और बादाम का भोग लगाएं, इसके बाद उसे प्रसाद के तौर पर सबको बांट दें. आपको लाभ होगा.