Varuthini Ekadashi 2023: अगर आप भी एकादशी के दिन करेंगे व्रत का पालन, तो अवश्य सुनें ये कथा
Varuthini Ekadashi 2023: साल भर में कुल 24 एकादशी मनाई जाती हैं. जिनमें से वैशाख के महीने में वरुथिनी एकादशी पड़ती है. जोकि 16 अप्रैल 2023 को मनाई जाएगी. वरुथिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के वराह अवतार की आराधना की जाती है. एकादशी के दिन कई लोग व्रत का विधि-विधान से पालन करते हैं, एकादशी के दिन व्रत का पालन करने से व्यक्ति का सौभाग्य बढ़ता है और उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है.
ऐसे में यदि आप वरुथिनी एकादशी के दिन व्रत का विधि-विधान से पालन करना चाहते हैं, तो आपको वरुथिनी एकादशी के दिन उपरोक्त कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए, अन्यथा इसके अभाव में आपका एकादशी का व्रत अधूरा माना जाता है. चलिए जानते हैं…
एकादशी तिथि शुरू- 15 अप्रैल 2023 को सुबह 08 बजकर 05 मिनट से शुरू
एकादशी तिथि समाप्त- 16 अप्रैल 2023 को सुबह 06 बजकर 14 मिनट समाप्ति
व्रत पारण का समय- सुबह 05 बजकर 54 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 45 मिनट तक।।
वरुथिनी एकादशी की कथा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एक बार एक राजा जिनका नाम मंधाता था, जोकि अपनी दानवीरता के लिए जाने जाते थे. वह एक बार एक वन के पास तपस्या कर रहे थे. जहां उन्हें एक भालू ने अपना शिकार बना लिया. इस दौरान भालू उनका पैर पकड़कर उन्हें जंगल की तरफ घसीटकर ले गया. इस दौरान राजा ने भगवान विष्णु का स्मरण किया.
भगवान विष्णु ने राजा का रक्षण करते हुए अपने सुदर्शन चक्र से भालू को मार दिया, लेकिन भालू के आक्रमण करने की वजह से राजा एक पैर से लंगड़े हो गए. जिसके बाद भगवान विष्णु की आज्ञा मानकर राजा ने वरुथिनी एकादशी का व्रत रखा, इस दौरान उन्होंने भगवान विष्णु के 12 अवतार की विधि-विधान से पूजा की.
जिस कारण भगवान विष्णु ने राजा को सारे दु:ख दर्द से छुटकारा दिलाकर उन्हें मोक्ष प्रदान किया. तब से वरुथिनी एकादशी के व्रत का विशेष महत्व है, कहा जाता है जो भी व्यक्ति इस दिन विधि विधान से व्रत का पालन करता है उसको अपनी शारीरिक पीड़ा से मुक्ति मिलती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को भारत में एकादशी की कथा सुनाई थी.
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