Vastu tips: ड्राइंग रूम की बनावट अगर ना हो वास्तु के मुताबिक, तो बना देती है आपको कंगाल…जानिए कैसे?
Vastu tips: हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में होने वाली प्रत्येक घटना का संबंध कहीं ना कहीं वास्तु से होता है. वास्तु शास्त्र की मानें तो अगर हम अपने घर के निर्माण से लेकर वहां मौजूद सभी चीजों की दिशाओं का ध्यान रखते हैं, तो हमें वास्तु दोष नहीं झेलना पड़ता है.
इसी तरह से यदि हम अपने ड्राइंग रूम को काफी सुंदरता से सजाते हैं, या उसकी साज सज्जा का काफी ध्यान रखते हैं, तो हमें कुछ एक बातों का ध्यान भी अवश्य रखना चाहिए, ताकि वास्तु दोष से बचा जा सके.
आपके घर आने वाला हर व्यक्ति आपके ड्राइंग रूम में दाखिल होता है, ऐसे में यदि आपके ड्राइंग रूम की दिशा और दशा अव्यवस्थित या वास्तु के अनुसार नहीं होगी,
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तो आपको जीवन में कई सारी परेशानियां उठानी पड़ सकती है. तो चलिए जानते हैं क्या है वो बातें, जिनका ड्राइंग रूम की साज सज्जा के दौरान हमें खास ख्याल रखना चाहिए.
वास्तु के अनुसार ऐसा हो ड्राइंग रूम, वरना होता है नुकसान…
घर का ड्राइंग रूम कभी भी पूर्व दिशा में नहीं होना चाहिए. माना जाता है कि पूर्व दिशा इंद्र की होती है, जिस कारण ये दिशा घर के मालिक की होती है. यहां मेहमानों या बाहर वाले लोगों को बैठाना उचित नहीं है.
संभव हो तो घर का ड्राइंग रूम उत्तर पश्चिम दिशा में होना लाभदायक होता है. जिसका मुख्य द्वार उत्तर पश्चिम या पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए. हालांकि इसमें किसी भी शुभ कार्य को नहीं करना चाहिए, इसका इस्तेमाल केवल मेहमानों के लिए किया जाना चाहिए.
अगर आपका ड्राइंग रूम दक्षिण पश्चिम दिशा में बना है, तो ये घर के मालिक के लिए अमंगल और अपमान का सूचक होता है.
आजकल के घरों में ड्राइंग रुम बैसमेंट में तैयार किए जा रहे हैं, जोकि वास्तु के अनुसार गलत है. ऐसा होने से परिवार के लोगों का मन विचलित होता है, और मकान का भार भी बिगड़ता है.
कभी भी ड्राइंग रूम को गोलाकार या अर्ध गोलाकार नहीं बनाना चाहिए, इसकी दीवारें सदैव समकोण में होनी चाहिए. जिसमें 4 कोने ही होने चाहिए.
कभी भी ड्राइंग रूम का दरवाजा मुख्य द्वार के सामने नहीं होना चाहिए. इससे आपके घर में भय, अशांति और असहजता का माहौल बना रहता है. कई लोग ड्राइंग रूम के ठीक सामने सीढ़ियां बनवाते हैं, जोकि वास्तु के अनुसार एक दोष है.