Vinayaka Chaturthi 2022: आज बप्पा की चतुर्थी पर शाम के समय जरूर करें ये 3 काम, तभी टलेगी परेशानियां
Vinayaka Chaturthi 2022: आज यानि 29 सितंबर को गणेश जी की चतुर्थी मनाई जा रही है. इस दिन गणेश जी के भक्त उनकी कृपा पाने के लिए पूर्ण भक्ति के साथ उनकी आराधना करते हैं. ऐसे में नवरात्रि के दिनों में जहां सब लोग देवी माता को प्रसन्न करने के लिए अनेक तरह के उपाय आदि कर रहे हैं.
ऐसे में आज विनायक चतुर्थी के दिन आप भी गणपति बप्पा की कृपा पाने के लिए अनेक तरह के उपाय कर सकते हैं. क्योंकि गणेश जी को हिंदू धर्म में प्रथम देवता के तौर पर पूजे जाते हैं, तो माना जाता है कि जिस भी व्यक्ति पर गणपति जी का आशीर्वाद बना रहता है,
उसको जीवन में कभी भी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता. हमारे आज के इस लेख में हम आपको कुछ एक ऐसे ही उपायों के बारे में बताने वाले हैं, जिनको करके आप भी विनायक चतुर्थी पर बप्पा की कृपा पा सकते हैं. तो चलिए जानते हैं….
गणेश चतुर्थी के दिन किन कामों को करने से होगा लाभ
1. अगर आप चाहते हैं कि आपके बिगड़े काम बने, तो गणेश जी के इस मंत्र का अवश्य करें. आपको अवश्य लाभ होगा.
मंत्र: त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय।
नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।
2. आप चाहे तो आज के दिन दुर्वा की 11 गांठों औऱ हल्दी की 1 गांठ को पीले कपड़े में बांधकर पूजा करें. ऐसा 10 दिनों तक करने के बाद आप उस पोटली को अपनी तिजोरी में रख दें, इससे आपकी आर्थिक परेशानियां हमेशा के लिए दूर हो जाएंगी.
3. विनायक चतुर्थी के दिन आप गणेश यंत्र की स्थापना करके घर की नकारात्मक शाक्तियों को दूर कर सकते हैं.
गणेश जी की आरती
जय देव जय देव आरती
सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची
कंठी झलके माल मुकताफळांची
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति
जय देव जय देव
रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति
जय देव जय देव
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना
दास रामाचा वाट पाहे सदना
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति
जय देव जय देव
शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को
दोन्दिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को
हाथ लिए गुड लड्डू साई सुरवर को
महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पद को
जय जय जय जय जय
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव
अष्ट सिधि दासी संकट को बैरी
विघन विनाशन मंगल मूरत अधिकारी
कोटि सूरज प्रकाश ऐसे छबी तेरी
गंडस्थल मद्मस्तक झूल शशि बहरी
जय जय जय जय जय
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव
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भावभगत से कोई शरणागत आवे
संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव