Vishnu puran: हिंदू धर्म में विष्णु पुराण को एक प्रमुख शास्त्र के तौर पर देखा जाता है. विष्णु पुराण में लिखी हुई बातों को मनुष्य के जीवन में चरितार्थ माना गया है. ऐसे में विष्णु पुराण में व्यक्ति की जन्म और मृत्यु को लेकर भी कई सारी बातें लिखी गई हैं. जैसा कि आपको विदित है कि ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है उसे उसी अनुरूप दूसरा जन्म मिलता है. इसके अलावा विष्णु पुराण की मानें तो जो व्यक्ति अपने घर से अत्यधिक रखता है, वह अगले जन्म में अपनी कामना के चलते उसी घर में एक बच्चे के रूप में जन्म लेता है,
ऐसे में विष्णु पुराण के मुताबिक व्यक्ति कर्म और कामना के आधार पर ही अपने अगले जन्म में किसी का रूप धारण करता है. विष्णु पुराण की इस बात को उपरोक्त कथा सार्थक सिद्ध करती है, जिसके बारे में आगे हम जाने वाले हैं.

अगले जन्म में व्यक्ति को कौन-सा जन्म मिलेगा? एक कथा से जानें….
एक बार की बात है कि एक बहुत संत राजा हुआ करते थे. जो कि हमेशा अपनी न्याय प्रियता और धर्म परायण के लिए जाने जाते थे. एक बार राजा जब किसी नदी में स्नान कर रहे थे, तब वहां एक शेर को देखकर हिरणी उसी नदी में कूद गई, जिसमें राजा स्नान कर रहे थे.
वह हिरणी गर्भवती थी जिस कारण उसका प्रसव नदी में ही हो गया, लेकिन हिरण को जन्म देने के बाद हिरणी की मृत्यु हो गई. ऐसे में राजा उसने के बच्चे को अपने साथ राजभवन में ले आए, जहां उन्होंने उसकी खूब देखभाल की. राजा और हिरणी एक साथ राजभवन में रहा करते थे और एक दूसरे का सहारा बनते थे.

कहा जाता है जब राजा बुढ़ापे की अवस्था में पहुंचे, तब उनका हिरणी के प्रति मोह अत्यधिक बढ़ चुका था, जिसके चलते मृत्यु के बाद राजा को मनुष्य योनि की जगह पशु योनि में जाना पड़ा और उनका अगला जन्म हिरण के रूप में हुआ. व्यक्ति अपने मृत्यु के समय में जिस भी व्यक्ति या भाव से से ग्रसित रहता है,
ये भी पढ़ें:- भगवान विष्णु का आखिरी अवतार होगा कलियुग का अंत…जानिए क्या होगा तब?
उसको अगला जन्म उसी के रूप में मिलता है. इसीलिए गीता में भी लिखा है कि व्यक्ति को मृत्यु के समय ईश्वर का नाम जपना चाहिए, ताकि उसको मोक्ष की प्राप्ति हो. अन्यथा व्यक्ति जिससे अधिक मोह करता है उसका अगला जन्म उसी तौर पर होता है.