Ram Mandir: नेपाल से लाए गए शालिग्राम पत्थरों से ही क्यों बनाई जाएगी रामलला की मूर्ति? ये है धार्मिक वजह
Ram Mandir: बीते दिनों राम मंदिर के रामलला की मूर्ति बनाने के लिए नेपाल के गंडकी नदी से शालिग्राम पत्थर भारत लाए गए हैं. जिनकी विधि विधान से पूजा अर्चना करने के पश्चात ही राम जन्मभूमि पर उनकी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. ऐसे में करीब 6 लाख साल पुराने इन शालिग्राम पत्थरों को जब भारत लाया गया,
तब उसे देखने के लिए हर कोई उत्सुक नजर आ रहा है. यह दो पत्थर करीब 5 फीट लंबे और चौड़ाई में करीब 4 फीट हैं. जिनका वजन करीब 18 और 12 टन है. इन पत्थरों से ही राम मंदिर के राम लला और माता सीता जी की प्रतिमा को बनाया जाएगा.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इतनी दूर से मंगाए गए पत्थरों से ही क्यों रामलला की मूर्ति बनाई जाएगी? इसके पीछे कई सारे धार्मिक कारण भी मौजूद हैं, जो कि आगे हम आपको बताने वाले हैं…
आखिर क्यों इतने विशेष हैं नेपाल से मंगाए गए शालिग्राम पत्थर?
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, शालिग्राम को भगवान विष्णु का अवतार माना गया है. इतना ही नहीं हिंदू धर्म में भगवान शालिग्राम की पूजा का विशेष धार्मिक महत्व है, जिनका तुलसी माता के साथ विवाह भी विधि विधान से कराया जाता है.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से शालिग्राम का पत्थर जीवाश्म है, जोकि हिमालय से टकराकर पत्थर के रूप में नेपाल की गंडकी नदी में पाया जाता है. कहा जाता है कि जिस भी जगह पर इस पत्थर को स्थापित किया जाता है,
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वहां माता लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद रहता है. शालिग्राम के पत्थर जहां भी मौजूद होते हैं, उस जगह को बेहद पवित्र माना जाता है. इसलिए भगवान विष्णु के अवतार शालिग्राम की पूजा और शालिग्राम पत्थर को बेहद अहम माना गया है, ऐसे में इन शालिग्राम शिलाओं के भारत में आने पर इनको बेहद पूजा जा रहा है. इन पत्थरों से ही राम मंदिर में रामलला और माता सीता की मूर्तियां बनाई जाएंगी.