Yog in kundali: जिन लोगों की कुंडली में बनता है ये योग, वहीं पाते हैं जीवन भर सुख
Yog in kundali: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति की कुंडली उसके जीवन के विषय में बहुत कुछ बताती है. यह जन्मकुंडली व्यक्ति के भविष्य व उसके जीवन के शुभ प्रभावों के विषय में बताती है.
इस जन्मकुंडली के माध्यम से ही ग्रहों का फेरबदल या अमुक व्यक्ति की किस्मत को पड़ सकते हैं. जैसा आपने राज योग के नाम सुना है. यह राज योग जिसकी कुंडली में होता है उसको राज योग करने को मिलता है.
उसी तरह एक योग का नाम है रूचक योग. राज योग की तरह ही रुचक योग भी बेहद शुभ व फलदाई माना जाता है. रूचक योग का संबंध मंगल ग्रह से माना जाता है. इस योग के कुंडली में होने से व्यक्ति को व्यापार और नौकरी में लाभ की प्राप्ति होती है.
कुंडली में रुचक योग का क्या स्थान होता है? साथ ही इसका क्या लाभ होता है?
कुंडली में कैसे निर्मित होता है रूचक योग
वैदिक ज्योतिष में रूचक योग को मंगल ग्रह से संबंधित मानते हैं. जिसके चलते जब कुंडली में मंगल ग्रह केंद्र स्थान में अपनी उच्च राशि मकर या मूल त्रिकोण मेष राशि अथवा अपनी वृश्चिक राशि के अंदर विराजमान होता है तब रूचक योग का निर्माण होता है.
मानसागरी के अनुसार यह कहा जाता है कि मंगल ग्रह जब लग्न से केंद्र में स्थापित हो जाए और फिर अपनी स्वराशि या उच्च राशि में स्थित हो जाए तब रूचक पंच महापुरुष योग बन जाएगा.
लेकिन इसके बावजूद यदि मंगल ग्रह के साथ सूर्य या चंद्रमा स्थापित हो तो यह योग भंग होने की आंशका भी बन जाती है. जिसके चलते इसका योग का फल कम प्राप्त होगा.
कुंडली में रूचक योग होने का लाभ
रूचक योग जिस भी व्यक्ति के कुंडली में होता है वह व्यक्ति स्वभाव से काफी फुर्तीला होता है. ऐसे लोगों के जीवन में सूर्य ग्रह के प्रभाव मौजूद होते हैं.
इस योग के कुंडली वाले लोग शक्ति व ऊर्जा से भरे रहते हैं. हालांकि कुंडली में रूचक योग के साथ ही मंगल ग्रह की स्थिति तथा डिग्री भी मायने रखती है.
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ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जिन लोगों की कुंडली में रूचक योग विराजमान होता है. वे लोग पुलिस में, सेना में, क्रिकेट फुटबाल जैसे अन्य खेलों में अपना भविष्य बनाते हैं.
इस योग के कुंडली वाले लोग मीडिया तथा मेडिकल क्षेत्र में भी अपना भविष्य बनाने में कामयाब हो सकते हैं.