40 करोड़ साल पहले कुत्ते के आकार के बराबर के होते थे बिच्छू, प्राचीन जीवाश्म स्टडी से हुआ नया खुलासा
आज की दुनिया में आपने कितने बड़े बिच्छू के बारे में सुना है या देखा है? बिच्छू का आकर आप क्या सोच सकते हैं, ज्यादा से ज्यादा आपकी हथेली के बराबर, मगर एक काले-भूरे रंग जहरीला जीव जिसकी एक डंक खतरनाक साबित हो सकती है, एक समय था जब बिच्छू धरती पर राज किया करता था।
तब ये हथेली के बराबर आकार का नहीं होता था, इसका आकार बहुत विशालकाय होता था, तब ये ज्यादा जहरीला भी होता था। हाल ही में एक प्राचीन जीवाश्म का अध्ययन करने पर पता चला कि यह एक सामान्य कुत्ते के आकार का हुआ करता था।
चीन के नानजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ जियोलॉजी एंड पैलेंटियोलॉजी (Nanjing Institute of Geology and Palaeontology) ने हाल ही में एक जीवाश्म की खोज की है जिसमें पता चला है कि ये एक बड़े बिच्छू का जीवाश्म था। जब इसका आकार नापा गया तो पता चला कि ये किसी कुत्ते के आकार के बराबर है जोकि वर्तमान बिच्छुओं के आकार से करीब 16 गुना ज्यादा बड़ा है।
कुत्ते के आकार के जिस बिच्छू पर रिसर्च की जा रही है, उसका जीवाश्म करीब 40 करोड़ साल पुराना है, यह बिच्छू उस समय चीन के समुद्र की गहराइयों में पाया जाता था।
वैज्ञानिकों ने इसे इसे टेरोप्टेरस जियुहैनेसिस (Terropterus xiushanensis) नाम दिया गया है, यह कुत्ते के आकार का बिच्छू था, जो आज के हॉर्सशू क्रैब (Horseshoe Crab) और व्हिप स्पाइडर (Whip Spider) का रिश्तेदार हुआ करता था।
आज के बिच्छुओं की तरह ही इसके भी आगे की तरफ दो हैंड और पीछे एक डंक वाली पूंछ होती थी, यह मिक्सोपटेरिड्स (Mixopterids) यानी समुद्री बिच्छुओं के समूह से था। इनकी खासियत ये थी कि इनके शरीर के अगले हिस्से में सूंड़ तो होता ही थी, साथ में हाथ भी होते थे, जो शिकार को पकड़ने का काम करते थे, इस खोज की रिपोर्ट हाल ही में साइंस बुलेटिन जर्नल में प्रकाशित हुई है।
इस जीवाश्म का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने बताया कि मिक्सोपटेरिड्स को लेकर सिर्फ इतनी ही है, कि इसमें चार प्रजातियां होती हैं। दो जेनेरा होते हैं, इनका आधार हमने 80 साल पहले सिलुरियन लॉरसिया से मिले जीवाश्म को माना है। अभी जो जीवाश्म मिला है, उसका अध्ययन करने के बाद मिक्सोपटेरिड्स की बाहरी शारीरिक बनावट में अंतर की जानकारी वैज्ञानिकों को मिली।
कुत्ते के आकार का यह बिच्छू सिलुरियन काल में धरती पर रहता था, यह बात है करीब 44.38 करोड़ साल से लेकर 41.92 करोड़ साल के बीच की। यह समुद्र में बेताज बादशाह की तरह शिकार करता था। बेहतरीन शिकारियों की सूची में इसका नाम रहा होगा, क्योंकि यह अपने कंटीले हाथों से मछलियों और मोल्स्क को पकड़ कर उन्हें खा जाता था, उसके हाथों को पेडीपैल्प्स कहा जाता है।
पुरानी स्टडीज में यह बात सामने आई है कि बाराकुडास और शार्क से पहले ये बिच्छू ही समुद्र में राज करते थे, ये समुद्र के सबसे बेहतरीन शिकारी में से एक होते थे। फिलहाल जिस नए जीवाश्म को खोजा गया है, उसे यूरीप्टेरिड्स (Eurypterids) प्रजाति में शामिल किया गया है क्योंकि इनकी पूंछ पर कई जहरीले कांटे पाए गए थे।
टेरोप्टेरस जियुहैनेसिस (Terropterus xiushanensis) पहला मिक्सोपटेरिड्स है, जो गोंडवाना उपमहाद्वीप से मिला है, गोंडवाना लैंड तब बना था, जब पैंजिया टूटकर दो हिस्सों में बंट गया था। इस विशालकाय बिच्छू पर शोधकर्ताओं का रिसर्च जारी है, इससे 40 करोड़ साल पहले की रहस्यमयी प्रजातियों के बारे में और कई जानकारियां मिलने की उम्मीद है।
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