Corona Virus: अब Doggy बताएगा आप कोविड पॉजिटिव हैं या नहीं, स्टडी में दावा

 
Corona Virus: अब Doggy बताएगा आप कोविड पॉजिटिव हैं या नहीं, स्टडी में दावा

चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस से दुनिया को अभी तक निजात नहीं मिली है. भारत जैसे बड़े देश में आए दिन लाखों लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं. वैज्ञानिक भी अपनी जी जान से कोरोना को मात देने के उपाय खोजने में लगे हुए हैं. वहीं अब कोरोना टेस्ट को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है.

आप तो जानते ही होंगे कि कोरोना वायरस की पहचान अभी तक ज्यादातर एंटीजन और RTPCR टेस्ट से की जा रही है. लेकिन एक साइंटिस्ट ने दावा किया है कि उन्होंने कुछ कुत्ते को ट्रेन किया है, जो इंसान के पेशाब को सूंघकर बता देगें कि वह कोरोना संक्रमित है या नहीं. यह टेस्ट 96 फीसदी तक सही होगा.

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हो सकता है अब आपको मुंह और नाक में स्वैब टेस्ट किट की स्टिक नहीं डलवानी पड़े.यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया स्कूल ऑफ वेटरनरी मेडिसिन वर्किंग डॉग सेंटर की डायरेक्टर सिंथिया ने कहा, 'अभी कुत्ते की मदद से कोरोना टेस्ट करवाने का तरीका प्रैक्टिकली लागू होना मुश्किल है. क्योंकि जानवरों के लिए काम करने वाली संस्थाएं इसका विरोध कर सकती हैं.

कुत्ते अलग-अलग प्रकार की खुशबू को पहचान सकते हैं. वो अलग-अलग बीमारियों की खुशबू को भी पहचान सकते हैं. कोरोना की गंध तो पसीने और थूक के सैंपल में भी होती है. Doggies इसे आसानी से पहचान सकते हैं.' उन्होंने आगे कहा, 'अभी तक ऐसा नहीं हुआ था कि कुत्ते ने किसी शख्स का पेशाब सूंघकर संक्रमित होने की जानकारी दी हो.

इसीलिए हमारी टीम ने पहले 8 Labrador Retrievers और 1 Belgian Malinois को ट्रेनिंग दी. इस दौरान हमने कुत्ते को यूनिवर्सल डिटेक्शन कंपाउंड सुंघाया. इसकी खुशबू प्राकृतिक तौर पर नहीं मिलती है. इसकी खुशबू 12 अलग-अलग गंधों को मिलाकर बनाई जाती है. इसीलिए ये कुत्ते अब यूनिवर्सल डिटेक्शन कंपाउंड की गंध को पहचान लेते हैं.'

आपको बता दें कि दुबई एयरपोर्ट पर कोरोना संक्रमितों की पहचान करने के लिए स्निफिंग डॉग्स को तैनात किया गया है. सिंथिया ने कहा कि जैसे ही कुत्ते यूनिवर्सल डिटेक्शन कंपाउंड की खुशबू को पहचानने लगे, तो हमने कुत्ते को अलग-अलग लोगों का पेशाब सूंघने के लिए ट्रेन करना शुरू किया.

हमने इन्हें 7 अलग-अलग कोरोना संक्रमितों के पेशाब के सैंपल से ट्रेन किया. इन 7 लोगों में 2 वयस्क और 5 बच्चे थे. ट्रेनिंग में 6 कोरोना निगेटिव बच्चों को भी शामिल किया गया.बता दें कि ट्रेनिंग के दौरान दो अलग-अलग जगहों पर संक्रमित लोगों के पेशाब के सैंपल और निगेटिव सैंपल रखे गए.

कुत्ते को पॉजिटिव सैंपल अपनी तरफ खींचता है जबकि निगेटिव सैंपल उन्हें भटकाता है. रिसर्चर्स ने पाया कि 3 सप्ताह की ट्रेनिंग के बाद कुत्ते 96 फीसदी तक सटीक रिपोर्ट देने लगे. वे कोविड पॉजिटिव सैंपल को पहचानने लगे.

गौरतलब है कि जो लोग टेस्ट में कोरोना निगेटिव के रूप में शामिल हुए थे, बाद में उनमें से कुछ लोग संक्रमित हो गए थे. कुत्ते ने उन्हें भी पहचान लिया. अगर यह प्रयोग सफल हुआ तो कुत्ते भी कोरोना के लक्षणों की पहचान कर सकेंगे.

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