वैज्ञानिकों ने किया बड़ा खुलासा, बताया Mars पर थीं नदियां और पानी
मंगल ग्रह (Mars) को लेकर हर दिन कोई न कोई नया खुलासा हो रहा है, इसी कड़ी में एक नई जानकारी हाथ लगी है. दरअसल एक शोध में कहा गया है कि मंगल के शुरुआती इतिहास में इस पर बर्फीले बादलों की एक पतली परत रही होगी, जिसने ग्रीनहाउस (Greenhouse) प्रभाव पैदा किया होगा.
इससे ग्रह पर पर्याप्त गर्म तापमान रहा होगा, जो पानी के बहने के लिए अनुकूल होगा. अगर ऐसा रहा है, तो इससे मंगल पर प्राचीन नदियों और झरनों की मौजूदगी की बात अधिक पुख्ता हो जाती है.
बता दें कि NASA के परसिवरेंस रोवर (Perseverance Rover) ने ट्विटर पर एक तस्वीर शेयर की है जिसमें मंगल ग्रह धूल से ढंका है. इस पर जीवन के कोई सबूत नजर नहीं आ रहे हैं. हालांकि रोवर का हेलीकाप्टर ऐसे इलाके में घूम रहा है, जो कभी नदी का डेल्टा रहा होगा.
बताया जा रहा है कि पृथ्वी पर जितनी सूर्य की रोशनी मिलती है, उसका एक तिहाई ही उस समय मंगल को मिलता था.
हालांकि परसिवरेंस रोवर अपने मिशन के दौरान डेल्टा के किनारे मौजूद पत्थरों को ड्रिल करेगा और इसके भीतर मौजूद सूक्ष्मजीवों की तलाश करेगा.
माना जा रहा है कि मंगल ही एकमात्र ऐसा एलियन ग्रह है, जहां सूक्ष्मजीवियों की मौजूदगी हो सकती है. वहीं मंगल के वातावरण का 3डी कंप्यूटर मॉडल से खुलासा हुआ है कि करीब तीन अरब साल पहले ग्रह पर उच्च ऊंचाई वाले बादल मौजूद रहे होंगे.
ये बादल तब बनते हैं, पानी की बूंदों के भाप बनने से पहले ही शून्य के नीचे का तापमान उनको जमा देता है. फिलहाल मंगल ग्रह को ‘दूसरा नीला ग्रह’ भी कहते हैं. साथ ही वैज्ञानिकों का अंदाजा है कि कभी ये बिल्कुल पृथ्वी की तरह दिखता था.
मंगल ग्रह पर पानी की मौजूदगी को लेकर अब तक कई थ्योरी दिए जा चुके हैं लेकिन किसी का पुख्ता प्रमाण नहीं है.
ये भी पढ़ें: NASA के Ingenuity Helicopter ने मार्स पर पूरी की तीसरी उड़ान, जानें