कनाडा में मिले स्पंज जीवाश्म जानवरों के जीवन का इतिहास बदल सकते हैं

 
कनाडा में मिले स्पंज जीवाश्म जानवरों के जीवन का इतिहास बदल सकते हैं

कनाडा (Canada) के पर्वतों में मिले 89 करोड़ साल पुराने स्पोंज जीवाश्म (Sponge fossils) जानवरों के इवोल्यूशन के बारे में धारणा बदल सकते हैं।

कनाडा के उत्तरपश्चिम पर्वतों में वैज्ञानिको को बहुत पुराने स्पंज जीवाश्म (Sponge fossils) मिले हैं, वैज्ञानिको का विश्वास है कि यह पशु जीवन ज्ञात जीवाश्मों में से सबसे पुराने जीवाश्म हो सकते हैं। इतना ही नहीं वैज्ञानिकों का यहां तक मानना है कि यह नई खोज जानवरों के इवोल्यूशन के इतिहास की धारणा को बदलने की क्षमता रखती है। जितना पुराना ये जीवाश्म बताए जा रहे हैं, अब तक वैज्ञानिक उससे कहीं आगे के समय पशुजीवन की शुरुआत मानते हैं। इससे पृथ्वी पर पशुओं के विकास क्रम में कुछ अहम बदलाव होने की उम्मीद की जा सकती है।

नेचर जर्नल में इसी सप्ताह प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा (Canada) की वैज्ञानिक और भूगर्भशास्त्री एलिजाबेथ टर्नर का दावा है कि उन्होंने पशु जीवन के पुरातन प्रमाण हासिल कर लिए हैं, टर्नर का कहना है कि इन पर्वतों में मिले जीवाश्म 89 करोड़ साल पुराने हैं। पुरातन स्पंज के जीवाश्म (Sponge fossil) अब तक के घोषित सबसे पुराने जीवाश्मों से 35 करोड़ साल पुराने हैं। इतने पुराने स्पंज जीवाश्मों का मिलना वैज्ञानिक जगत को हैरान किए हुए हैं।

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कनाडा में मिले स्पंज जीवाश्म जानवरों के जीवन का इतिहास बदल सकते हैं
Image credit: pixabay

कनाडा के लॉरेंटियन यूनिवर्सिटी के हर्क्वेल स्कूल ऑफ अर्थ साइंस की प्रोफेसर टर्नल में 89 करोड़ साल पुरानी रीफ (Reef) में स्पंज (Sponge) के प्रमाण खोजे हैं जिन्हें उन्हंने कल्साइट क्रिस्टल के ट्यूब के आकर की संचरना के रूप में प्रस्तुत किया है. उन्होंने बताया है कि पाया गया पदार्थ उसी तरह का जो स्पंज के युवा जीवाश्मों (Fossils) में पाए जाते हैं. उन्होंने ये जीवाश्म केवल एक सेंटीमीटर चौड़े पाए हैं। जो रीफ की सतह के नीचे रहा करते थे।

जीवों के इतिहास में आज से 54 करोड़ साल पहले स्पंज की जीवाश्मों (Sponge Fossil) के होने के बहुत ही कम प्रमाण हासिल किए जा सके हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह पड़ताल सही पाई गई तो स्पंज (Sponge) उस नियोप्रोटेरोजोइक घटना से भी 9 करोड़ साल पहले रहा करते होंगे. इस घटना के बारे में वैज्ञानिकों को मानना है कि वायुमंडल में भारी मात्रा में ऑक्सीजन बढ़गई जिससे पशु जीवन का मार्ग प्रशस्त हुआ।

टर्नर का कहना है कि अगर पदार्थे के निष्कर्ष में वे सही हैं तो शुरुआती पशु (Animal life) उस घटना से भी पहले अस्तित्व में आ गए थे और वे कम ऑक्सीजन (Oxygen) स्तरों में भी रह पाने में सक्षम रहे होंगे जो शायद आज के आधुनिक पशुओं के लिए संभव नहीं हो, आधुनिक स्पंज (Sponge) पर हुए शोध साबित करते हैं कि वे कम मात्रा की ऑक्सीजन में भी जीवित रह सकते हैं। टर्नर ने कहा कि पुरातन पशुओं का उद्भव भी स्पंज की तरह हुआ होगा।

यह शोध जानवरों के इवोल्यूशन के लिहाज से बहुत अहम माना जा रहा है। यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न कैलिफोर्निया के पुरातनजीवविज्ञानी डेविड बोटजर का कहना है, “मुझे लगता है कि टर्नर का केस बहुत मजबूत है। वैज्ञानिकों को मानना है कि पृथ्वी (Earth) पर जीवन की शुरुआत 3.7 अरब साल पहले हुई थी, लेकिन यहां पर पशुओं का आगमन बहुत ही बाद में हुआ था।

जर्मन भूजीवविज्ञानी जोएशिम रेटनर क कहना है कि वे मानते हैं कि ये पुरातन स्पंज (Sponge) हैं, केवल इसी प्रकार के जीवों में ही इस तरह के जैविक तंतुओं का नेटवर्क हो सकता है। वहीं स्वीडन की उप्पसला यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ पैको कार्डेनास जो दूसरे वैज्ञानिकों की तरह इस शोध का हिस्सा नहीं हैं, का मानना है कि 90 करोड़ साल के आसपास तक के स्पंज जीवाश्मों (Sponge Fossils) की खोज करना हमारे शुरुआती पशु विकास क्रम की समझ को बहुत बेहतर कर सकेगी।

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