आज रात घंटे भर के लिए Earth Hour Day मनाएगी दुनिया, जानें क्यों मनाते है ये दिन
आज रात दुनिया भर में लोग अर्थ ऑवर मनाएंगे. धरती की सुरक्षा और इसकी बेहतरी के लिए हर साल मार्च के आखिरी शनिवार को अर्थ-ऑवर डे के रूप में मनाया जाता है. इस दिन रात 8:30 से 9:30 बजे तक दुनिया भर के लाखों लोग एक घंटे के लिए लाइट बंद करके धरती को बेहतर बनाने के लिए उनकी एकजुटता का संदेश देते हैं. इसका उद्देश्य लोगों को पर्यावरण के मुद्दों पर जागरूक करना और उसकी सुरक्षा में योगदान देने के लिए आगे लाना है.
इस दिन जश्न की शुरुआत कैसे हुई?
अर्थ ऑवर डे की शुरुआत वन्यजीव और पर्यावरण संगठन वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर ने साल 2007 में की थी। 31 मार्च 2007 को पहली बार अर्थ ऑवर दिवस मनाया गया था. पहली बार इसका आयोजन ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में किया गया था. उस समय लोगों से 60 मिनट के लिए लाइट बंद करने के लिए कहा गया था और धीरे-धीरे इस दुनियाभर में मनाए जाने लगा.
भारत में कैसे हुई शुरुआत ?
भारत में इसकी शुरुआत साल 2009 में हुई थी. उस वक़्त इस मुहीम में 58 शहरों के 50 लाख लोगों ने हिस्सा लिया था. इसके बाद साल 2010 में 128 शहरों के 70 लाख लोगों ने इस अभियान में हिस्सा लिया और बाद में ये सिलसिला बढ़ता चला गया. बतादें मुहीम के कारण दिल्ली के लोगों ने साल 2018 में सबसे ज्यादा 305 मेगावाट बिजली बचाई थी. वहीं साल 2020 में 79 मेगावाट बिजली बचाई गई थी.
इन ऐतिहासिक इमारतों पर बंद होती हैं लाइटें
अर्थ-ऑवर डे पर दुनिया भर की कई ऐतिहासिक इमारतों की लाइटें भी बंद हो जाती हैं. इनमें न्यूयॉर्क की एम्पायर स्टेट बिल्डिंग, दुबई का बुर्ज खलीफा, पेरिस स्थित एफिल टॉवर और एथेंस में एक्रोपोलिस समेत 24 विश्व प्रसिद्ध स्थल शामिल हैं. भारत में अर्थ ऑवर के दौरान राष्ट्रपति भवन, संसद भवन और इंडिया गेट समेत कई एतिहासिक इमारतों में लाइटें बंद की जाती रही हैं.
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