क्या है ' सुपर फ्लावर ब्लड मून ', चंद्रग्रहण और इस खगोलीय घटना को कैसे देखें?
यह खगोलीय घटना क्या है, और इसे कहां देखा जा सकता है? इस खगोलीय घटना का सबसे बड़ा आकर्षण यह है कि एक सुपरमून और चंद्रग्रहण एक साथ हो रहे हैं। यह सुपरमून 26 मई को पूरी दुनिया में दिखाई देगा और पूर्ण चंद्रग्रहण भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में दिखाई देगा।
पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा की कक्षा का आकार गोलाकार नहीं है, बल्कि एक अंडाकार है। पूर्णिमा में अपनी अंडाकार कक्षा पर चाँद हमारे ग्रह के निकटतम बिंदु तक पहुंचता है, तब इस घटना को सुपरमून, या Perigee-Syzygy कहा जाता है, और आकाश में यह समान्य से बड़ा प्रतीत होता है।
That's no ordinary moon—it's a supermoon with a total lunar eclipse!
— NASA Marshall (@NASA_Marshall) May 24, 2021
Here's how (and where) you can spot it this week >> https://t.co/FShdo4duAm pic.twitter.com/5ZOTboAsbj
मई की पूर्णिमा को अंग्रेजी में मिल्क मून, एल्गोनक्वियन में फूल/ फ्लावर मून, हिंदी में बुद्ध पूर्णिमा और सिंहल बौद्ध परंपरा में 'वैशाख पोया' के नाम से जाना जाता है।
चंद्रमा भी ब्लड रेड जैसे दिखाई देगा क्योंकि यह सूर्य और पृथ्वी के साथ संरेखित होता है और पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में गुजरता है। NASA के अनुसार, चंद्रमा की लाल छटा पृथ्वी के वायुमंडल के माध्यम से लाल-नारंगी प्रकाश के कारण होती है और अगर पृथ्वी के वायुमंडल में अधिक बादल या धूल होती है तो वह भी लाल दिखाई दे सकता है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक देश में कुछ ही स्थानों पर आंशिक चंद्रग्रहण देखने को मिलेगा। आईएमडी ने कहा कि आंशिक चंद्रग्रहण उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (सिक्किम को छोड़कर), पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, ओडिशा के कुछ तटीय हिस्सों और अंडमान निकोबार द्वीप समूह से थोड़े अंतराल के लिए दिखाई देगा। 21 जनवरी, 2019 के बाद से यह पहला कुल चंद्रग्रहण होगा और यह सुपरमून होगा।
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