बांस का बैट गेंदबाजों के लिए बन सकता है काल, स्टडी में दावा- लम्बे छक्के लगाना अब होगा आसान

 
बांस का बैट गेंदबाजों के लिए बन सकता है काल, स्टडी में दावा- लम्बे छक्के लगाना अब होगा आसान

Cricket: क्रिकेट में इस्तेमाल होने वाले बल्ले ज्यादातर इंग्लिश विलो के होते हैं. बल्लेबाजों के लिए बल्ले ऐसे डिजाइन किए जाते हैं जहां स्वीट स्पॉट या लकड़ी के मध्य भाग में लगने पर कोई भी गेंद गोली की रफ्तार से दौड़ती हुई बाउंड्री के पार या हवाई यात्रा पर स्टेडियम के बाहर चली जाती है.

हालांकि पारंपरिक इंग्लिश विलो को अब एक मजबूत प्रतिद्वंदी मिल चुका है. ब्रिटेन की एक शोध में दावा किया गया है कि अंग्रेजी लकड़ी की जगह बांस से बने क्रिकेट के बैट बल्लेबाजों के लिए ज्यादा लाभदायक साबित हो सकते हैं. ऐसे क्रिकेट बैट का इस्तेमाल कर कोई भी बल्लेबाज अपनी स्ट्रोक और टाइमिंग को बेहतर कर सकता है. इन बल्लों में स्वीट स्पॉट इंग्लिश विलो के मुकाबले काफी बेहतर है. यही नहीं ये बैट ज्यादा टिकाऊ भी हैं.

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22 फीसदी अधिक कड़ा हैं बांस के बैट

कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के अध्ययन के अनुसार पता चला है कि इंग्लिश विलो की तुलना में बांस 22 फीसदी अधिक कड़ा है. ऐसे में गेंद बल्ले पर आने के बाद कहीं ज्यादा गति के साथ जाएगी.

आसानी से खेल सकते हैं सभी स्ट्रोक

कैम्ब्रिज सेंटर फॉर नेचुरल मैटेरियल इनोवेशन के डॉ. दर्शील शाह ने कहा, ''यह एक बल्लेबाज का सपना है. बांस के क्रिकेट बैट का स्वीट स्पॉट यॉर्कर पर चौके मारना कहीं आसान बनाता है. लेकिन यह सभी प्रकार के स्ट्रोक के लिए रोमांचक है.''

गार्डियन को दिए एक इंटरव्यू में शाह ने कहा, ''यह उन देशों में भी प्रचलित है जो चीन, जापान, दक्षिण अमेरिका की तरह क्रिकेट को भी अपना रहे हैं.''

इंग्लिश विलो की तुलना में अधिक घनत्व

खेल इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी जर्नल में प्रकाशित हुआ यह अध्ययन बताता है कि एक क्रिकेट बैट को चीरे हुए बांस से निर्मित किया जा सकता है. यह पारंपरिक विलो से बने एक की तुलना में काफी अधिक घनत्व वाला है.

अधिक टिकाऊ होंगे बांस के बैट

हालांकि, विलो बैट के समान आयाम वाले बांस के बैट अधिक भारी होते हैं, लेकिन डॉ. शाह खुद एक अंडर-19 क्रिकेटर रह चुके हैं, उनके मुताबिक वे इसे अनुकूल बनाने में लगे हुए हैं. शोधकर्ताओं के दावे में यह भी साबित हुआ है कि चीरे हुए बांस का उपयोग कर बल्ला बनाने से क्रिकेट अधिक टिकाऊ खेल बन जाएगा.

अच्छा विकल्प हो सकते हैं

अध्ययन में कहा गया, ''चीरे हुए बांस के उपयोग से क्रिकेट अधिक टिकाऊ खेल बन सकता है, घटती विलो आपूर्ति के सामने खेल के वैश्विक स्तर पर बढ़ने से बल्लों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है. जिसे देखते हुए बांस के बल्ले एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं. इसका एक कारण कम कीमत पर अच्छे बैट का मिल जाना और दूसरा कि ये काफी जल्दी बढ़ता है.

बता दें कि किसी विलो की तुलना में बांस को परिपक्व होने में कम वक्त लगता है. जहां विलो को 15 वर्ष की आवश्यकता होती है वही पर बांस 7 वर्षों में ही परिपक्व हो जाता है. और यह काफी मात्रा में उपलब्ध भी है.

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