Cheteshwar Pujara Birthday: जिसको मां के त्याग और पिता के समर्पण ने बना दिया दीवार, जानें उससे जुड़ी ये अनसुनी बात

Cheteshwar Pujara Birthday: भारतीय टीम के सुपरस्टार बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) आज 35 साल के हो गए हैं. आज वो अपना जन्मदिन मना रहे हैं. पुजारा भारत के लिए टी20 और वनडे टीम का हिस्सा भले ही ना हों. लेकिन उनके बिना टेस्ट टीम की कल्पना करना काफी मुश्किल नजर आता है. पुजारा को लेकर कई तरह की कहानियां सामने आई हैं. तो आज उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनकी जीवन से जुड़ी कुछ ऐसी ही कहानियां बताने वाले हैं.
क्रिकेट से पुजारा का पुराना नाता
चेतेश्वर पुजारा का परिवार काफी लंबे समय से क्रिकेट से जुड़ा हुआ है. पुजारा के पिता अरविंद शिवलाल और चाचा सौराष्ट्र की तरफ से रणजी ट्रॉफी खेल चुके हैं. पुजारा के दादा भी लेग स्पिनर थे. यहीं से उनके क्रिकेट करियर की नींव रखी गई. ऐसे में उनके पिता ही उनके पहले कोच बने. जिन्होंने पुजारा को क्रिकेट के गुण सिखे. इस यात्रा में गरीबी के दोनों में पुजारा की मां ने भी कहीं ना कहीं से पैसे उधार लाकर अपने बेटे के सपने को आगे बढ़ाने में मदद की. आज वही बेटा इंडिया की नई दीवार है.

गली क्रिकेट खेलने पर क्यों लगती थी फटकार
पुजारा को 8 साल की उम्र में ही उनके पिता ने क्लब क्रिकेट में डाल दिया था. पुजारा के पिता उन्हें गली क्रिकेट खेलने नहीं देते थे. अगर पुजारा गली क्रिकेट खेलते हुए दिखा जाते थे. तो उनकी डांट लगती थी. ऐसे में ज्यादा मन करने पर बचपन में पुजारा की मां उन्हें छुपकर गली क्रिकेट खेलने भेज देतीं थी.

जहां वो सिर्फ विकेट कीपिंग करते थे. पुजारा के पिता अरविंद चाहते थे कि उनका बेटा तकनीकी तौर पर मजबूत बने. उनके अनुसार गली क्रिकेट खेलने से तकनीक खराब होती है. इसका ही फल था की पुजारा उम्र से ही पहले तकनीकी तौर पर काफी ज्यादा सक्षम प्लेयर लगने लगे. इस लिए उन्होंने टेनिस बॉल क्रिकेट नहीं खेला. जिससे उनके पिता ने उन्हें क्रॉस बैट शॉट खेलने से बचाया.
कैसे बने टीम इंडिया की दीवार
भारतीय टीम की दीवार का नाम राहुल द्रविड़ को मिला हुआ था. द्रविड एक बार क्रीज पर सेट हो जाते थे तो आउट होने का नाम भी नहीं लेते थे. द्रविड के बाद पुजार भारत के लिए नई दीवार बने. पुजारा का कभी न हार मानने वाला जज्बा उन्हें दूसरों से अलग बनाता है. वो अपने शरीर पर गेंद खा सकते हैं. लेकिन अपनी विकेट जल्दी नहीं गवाते हैं. गेंदवाजों के लिए पुजार को आउट करना भी काफी ज्यादा मुश्किल हो जाता है.

घरेलू क्रिकेट में गदर मचाकर बनाई टीम में जगह
पुजारा ने अंडर-14 के एक मैच में ट्रिपल सेंचुरी लगाई थी. इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ अंडर-19 के मैच में दोहरा शतक भी लगाया था. पुजारा ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में खूब रन बनाए. जिसके बाद उन्हें 2010 में टीम इंडिया में शामिल किया गया था.

पुजारा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में 4 रन पर आउट हो गए थे. जिसके बाद 207 रन का पीछा करते हुए उन्होंने दूसरी पारी में 89 गेंद में 72 रन बनाकर भारत को जीत दिलाई थी. इसके साथ वो भारत के लिए नंबर तीन पर अपनी जगह पक्की कर गए थे.
चेतेश्वर पुजारा का करियर
पुजार ने भारत के लिए अब तक 98 टेस्ट मैच खेले हैं. जिसमें उन्होंने 7014 रन बनाए हैं. जिसमें उनके नाम 19 शतक और 34 अर्धशतक हैं. इसके अलावा पुजारा ने भारत के लिए 5 वनडे मैच खेलते हुए 51 रन बनाए हैं.

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