From Eoin Morgan to Zofra Archer: इन चुनिंदा खिलाड़ियों ने मूल टीम को छोड़कर थामा दूसरे देश का दामन
कामयाबी को प्राप्त करना किसी प्रतियोगिता में जीत सुनिश्चित करने से कम नही है .
क्रिकेट एक ऐसा खेल है जहां टीम में जगह के लिए हमेशा प्रतिस्पर्धा होती है, खासकर भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका आदि जैसे देशों में.
क्रिकेट के इस लोकप्रिय खेल में एक ऐसा भी समय आता है. जब कुछ खिलाड़ियों को अपने देश के लिए काफी मौके नहीं मिलते हैं.
और नियमित क्रिकेट खेलने के लिए उन्हें किसी अन्य देश में जाने की जरूरत पड़ जाती है.
आईए जानते हैं ऐसे ही पांच खिलाड़ियों के बारे में जिन्हें अपने देश को छोड़कर दूसरे का दामन थामने की जरूरत पड़ी है.
जोफ्रा आर्चर
इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर मूल रूप से बारबाडोस, ब्रिजटाउन के निवासी है.
पिता के ब्रिटिश निवासी होने की वजह से उन्हें ब्रिटिश नागरिकता भी प्राप्त है .वे वेस्टइंडीज की अंडर 19 टीम की तरफ से भी मैच खेल चुके थे, लेकिन एक चोट की वजह से उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था
जॉफ्रा के लिए इंग्लैंड की वर्ल्ड कप टीम में जगह बनाना मुश्किल ही नहीं बल्कि असंभव-सा था.
क्योंकि नियमों के मुताबिक उन्हें कम से कम सात साल तक इंग्लैंड के नागरिक के रूप में देश के अंदर ही रहना पड़ता। नियम के अनुसार तो जॉफ्रा 2022 से पहले इंग्लैंड से नहीं खेल सकते थे,
लेकिन इंग्लैंड के क्रिकेट बोर्ड ने वर्ल्ड कप से कुछ समय पहले ही अपने नियमों में बदलाव किया और इंग्लैंड में रहने वाले 7 साल के नियम को 3 साल कर दिया.
अब जॉफ्रा इंग्लैंड की टीम में खेल सकते थे.इस तेज गेंदबाज़ ने अपनी मेहनत व काबिलियत से आज इंग्लैंड क्रिकेट टीम में अपना एक खास स्थान बना लिया है.
समी असलम
समी असलम ने पाकिस्तान के लिए 13 टेस्ट मुकाबले खेले और इस दौरान 31.58 की औसत से 758 रन बनाए.
टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 7 अर्धशतक लगाए और उनका उच्चतम स्कोर 91 रन रहा.
पाकिस्तान टीम में जगह नहीं मिल पाने के कारण असलम ने देश छोड़ने का मन बना लिया और अब वे जल्द ही अमेरिका (USA) की टीम से खेलते नजर आएंगे.
कोरी एंडरसन
न्यूजीलैंड के ऑलराउंडर कोरी एंडरसन खेल के तीनों प्रारूपों में कीवी टीम के मुख्य सदस्य हुआ करते थे.
ऑलराउंडर, एंडरसन ने 13 टेस्ट, 49 एकदिवसीय और 31 टी 20 आई में कीवी का प्रतिनिधित्व किया है.
2015 विश्व कप के फाइनल में पहुंचने के लिए न्यूजीलैंड टीम का प्रतिनिधित्व किया
हालाँकि, हाल के वर्षों में, जिमी नीशम और कॉलिन डी ग्रैंडहोम जैसे अन्य ऑलराउंडरों के आने के बाद, कोरी एंडरसन को पर्याप्त मौके नहीं मिल पाए
और कम मौके मिलने के कारण आखिरकार उन्होंने न्यूज़ीलैंड क्रिकेट को छोड़ने का फैसला कर लिया और दूसरे देश में शामिल होने वाले क्रिकेटरों में से एक बन गए.
मोर्ने मोर्कल
मोर्कल ने 2006 में भारत के खिलाफ बॉक्सिंग डे पर डेब्यू किया था। उन्होंने अब तक 83 टेस्ट, 117 वनडे और 44 टी20 खेले हैं।
इतने सालों तक अपने देश दक्षिण अफ्रीका की ओर से खेलने के बाद,
मोर्कल उन क्रिकेटरों में से एक बन गए जो दूसरे देश में शामिल हो गए और हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के स्थायी निवासी बने.
स्थायी निवास प्राप्त करने के बाद अब वे एक स्थानीय खिलाड़ी के रूप में बिग बैश लीग के आगामी सत्र भी खेलेंगे.
डेवोन कॉनवे
डेवोन कॉनवे मूल रूप से दक्षिण अफ्रीका के सलामी बल्लेबाज़ों में से एक हैं परन्तु टीम में बेहतर प्रदर्शन करने के बाबजूद उन्हें अपना सम्मानजनक स्थान नही मिला और उन्होंने न्यूज़ीलैंड की टीम का दामन थाम लिया.
न्यूजीलैंड की तीनों घरेलू सीरीज में डेवोन कॉनवे सर्वोच्च स्कोरर बन कर उभरे हैं.
डेवोन ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में वेलिंग्टन से खेलते हुए 17 मैचों में 72.63 की औसत से 1598 रन बनाए हैं.
इयोन मोर्गन
इयोन जोसेफ जेरार्ड मोर्गन इंग्लैंड की वनडे और टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम के कप्तान हैं
वह बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं और इंग्लैंड के लिए टेस्ट, वनडे और टी-20 मैचों में खेले हैं.
वह एकमात्र इंग्लैंड के कप्तान हैं जिन्होंने 4 से अधिक वनडे शतक बनाए हैं.वह अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप के इतिहास में 606 रन बनाने वाले प्रमुख रन स्कोरर हैं.
उन्होंने 2009 में इंग्लैंड के लिए खेलने से पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयरलैंड का प्रतिनिधित्व किया था.
वह क्रिकेट इतिहास में उन 2 चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्होंने दो देशों के लिए वनडे शतक बनाया है.
जुआन थेरॉन
जुआन थेरॉन एक दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाज थे, जिन्हें प्रोटियाज के लिए सीमित अवसर मिले और साथ में कई चोटे भी मिली,
उन्होंने 2015 में प्रोटियाज को छोड़ दिया वह दूसरे देश USA में शामिल हो गए और 2019 में यूएसए की राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने के योग्य हो गए.
अंशुमान रथ
अंशुमान रथ हांगकांग क्रिकेट टीम के कप्तान रह चुके हैं और 2018 एशिया कप में अपनी टीम के उप-कप्तान भी रहे थे.
हालाँकि, सितंबर 2019 में, उन्होंने हांगकांग क्रिकेट छोड़ने का फैसला किया और भारत के लिए क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया.वह अब घरेलू क्रिकेट में विदर्भ टीम का प्रतिनिधित्व करते हैं.
रथ भारतीय टीम में अपनी जगह बनाने के लिये कठिन मेहनत कर रहे है.
अंशुमान हॉन्गकॉन्ग के लिए 18 वनडे खेल चुके हैं और उन्होंने इन मैचों में 52 के शानदार औसत से 828 रन बनाए हैं और 14 विकेट भी लिए हैं.
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