अपने पिता मुरलीधरन की तरह ही गेंदबाजी करते हैं उनके बेटे नरेन, वायरल हो रही है वीडियो
श्रीलंका के स्पिनर मुथैया मुरलीधरन (Muthiah Muralidaran) को अंतराष्ट्रीय क्रिकेट जगत में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से एक माना जाता है. दिग्गज ऑफ स्पिनर ने अपने दौर में न जाने कितने बल्लेबाजों को अपनी फिरकी की जाल में फंसाया. उनकी अजीबोगरीब गेंदबाजी एक्शन से काफी बल्लेबाजों को परेशानी होती थी.
अपने शानदार करियर में दाएं हाथ के इस स्पिनर ने टेस्ट और वनडे में सर्वाधिक विकेट हासिल किए. उन्होंने 133 मैचों में 22.7 की औसत से 800 टेस्ट विकेट झटके. वही श्रीलंकाई दिग्गज के नाम 534 वनडे और 13 टी20 विकेट दर्ज है. पूर्व लीजेंड गेंदबाज के नाम कुल 1347 अंतराष्ट्रीय विकेट दर्ज हैं. ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज लेग स्पिनर शेन वॉर्न (Shane Warne) दूसरे नंबर पर हैं. उन्होंने 1001 विकेट झटके थे.
अपने समय में अनोखे एक्शन के लिए प्रचलित मुरलीधरन दुनिया के कुछ बेहतरीन बैटिंग लाइन-अप को तहस-नहस कर देते थे. इस खब्बू स्पिनर की स्पिन गेंदबाजी के सामने सचिन तेंदुलकर, एडम गिलक्रिस्ट, सईद अनवर जैसे बड़े खिलाड़ियों को भी रनों के लिए जूझना पड़ता था.
ट्विटर पर वीडियो वायरल
अपने पिता के नक्से कदम पर ही अब मुरलीधरन का बेटा भी चलने को तैयार है. दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक वीडियो में मुरलीधरन के बेटे नरेन नेट्स पर गेंदबाजी करते हुए नजर आ रहे हैं. इस वीडियो की सबसे खास बात यह थी कि नरेन का गेंदबाजी एक्शन भी लगभग उनके पिता से ही मिलता-जुलता है. इस वीडियो में वह भी अजीबोगरीब अंदाज से गेंदबाजी करते हुए दिख रहे हैं.
Father and Son Time! Video credits @SunRisers pic.twitter.com/Jv8fYOAZcp
— Muthiah Muralidaran (@Murali_800) July 15, 2021
19 साल खेला अंतराष्ट्रीय क्रिकेट
श्रीलंकाई दिग्गज एकदिवसीय विश्व कप के कुल 3 फाइनल मुकाबलों का हिस्सा थे. यहाँ उन्हें सिर्फ 1996 में कामयाबी मिली जब एक युवा मुरलीधरन ने अनुभवी खिलाड़ियों के साथ वर्ल्ड कप का ख़िताब जीता. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए निर्णायक फाइनल मैच में उन्होंने काफी किफायती गेंदबाजी की. उन्होंने अपने 10 ओवर में सिर्फ 31 रन खर्च करते हुए एक विकेट हासिल किया. इसके अलावा वे साल 2007 और 2011 में भी वर्ल्ड कप का फाइनल खेले.
2011 वर्ल्ड कप का फाइनल उनका आखिरी अंतराष्ट्रीय मैच साबित हुआ. हालाँकि इसमें उन्हें निराशा हाथ लगी क्यूंकि फाइनल में भारत के खिलाफ उन्हें कोई विकेट हासिल नहीं हुआ. और भारत ने श्रीलंका को 6 विकेट से हराकर 28 साल बाद वर्ल्ड कप जीता.