IND vs ENG: सवालों के घेरे में इंग्लैंड के खिलाड़ी, गेंद से छेड़छाड़ करने की तस्वीर हो रही है वायरल
IND vs ENG: भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा है. लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर खेले जा रहे दूसरे मुकाबले के चौथे दिन इंग्लैंड के दो खिलाड़ी गेंद से छेड़छाड़ करते दिखें. बता दें कि अंग्रेज फील्डरों द्वारा यह गलत हरकत लंच के बाद किया गया जिसे कैमरा में कैद कर लिया गया.
इस घटनाक्रम पर पूर्व क्रिकेटरों ने इंग्लैंड की खेल भावना पर सवाल उठाए हैं. जबकि, सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल होने के बाद यह एक बर्निंग टॉपिक बन गया. कुछ यूजरों द्वारा इसे बॉल टेम्परिंग करने की कोशिश भी बताया गया है.
बता दें कि मैच के ब्रॉडकास्टर ने इंग्लैंड के खिलाड़ियों की एक तस्वीर शेयर की है. इसमें इंग्लैंड के फील्डरों द्वारा गेंद को जूते की स्पाईक्स से दबाते देखा जा सकता है. वही वह गेंद को पैर से ही एक-दूसरे को पास कर रहे हैं. इस घटना को देखने के बाद सोशल मीडिया पर बॉल टेंपरिंग का मुद्दा उठाया जा रहा है.
सहवाग ने उठाए खेल भावना पर सवाल
मैच के दौरान की गई विवादास्पद गतिविधि से पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेन्द्र सहवाग भी खुश नहीं दिखे हैं. सोनी टीवी के साथ वीरू कमेंटरी टीम में जुड़े हुए हैं. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल के जरिये इस विवादास्पद तस्वीर को शेयर किया है. उन्होंने लिखा है कि, "यह क्या हो रहा है, क्या यह इंग्लैंड के क्रिकेटरों द्वारा गेंद को खराब करने की कोशिश है यह फिर वह कोरोना काल में बचाव के लिए दम उठा रहे हैं."
Yeh kya ho raha hai.
— Virender Sehwag (@virendersehwag) August 15, 2021
Is it ball tampering by Eng ya covid preventive measures ? pic.twitter.com/RcL4I2VJsC
चौथे दिन की समाप्ति के बाद बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर से जब इस तस्वीर में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि "यह जानबूझकर नहीं किया गया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि टीम ने इस तस्वीर को बहुत बाद में देखा, लेकिन उनके मुताबिक यह हरकत जानबूझकर नहीं की गई थी.
उधर भारत ने अभी तक इस मामले पर मैच रेफरी से कोई भी शिकायत दर्ज नहीं कराई है. बता दें कि यह घटना भारतीय पारी के 35वें ओवर में घटा था. ऑली रोबिन्सन की गेंदबाजी के दौरान इस हरकत को अंजाम दिया गया. हालाँकि, दोनों फील्डरों के चेहरे फुटेज में नहीं कैद हो पाए हैं. चूँकि, किसी को आपत्ति नहीं हुई, इसीलिए अंपायरों ने गेंद को बदलना जरूरी नहीं समझा.
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