IND vs ENG: भारत के पास इंग्लैंड को हराने का सुनहरा मौका, इन तीन कारणों से जानें क्यूँ टेस्ट सीरीज जीत सकती है टीम इंडिया
IND vs ENG: WTC फाइनल के बाद अब भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेलने के लिए तैयार है. भारत और इंग्लैंड के बीच 4 अगस्त से नॉटिंघम में पहला टेस्ट मैच खेला जाएगा. न्यूजीलैंड के खिलाफ डब्ल्यूटीसी फाइनल में मिली हार के बाद टीम इंडिया ने तीन हफ्ते का ब्रेक लिया था. अब बीते टेस्ट मैच को भूलकर विराट कोहली एंड कंपनी अंग्रेजों के खिलाफ नए सिरे से शुरुआत करना चाहेगी.
भारतीय टीम करीबन 2 महीने से इंग्लैंड में है. वहां की परिस्थितियों से पूरी तरह सामंजस्य बिठा चुकी है. टीम ने डरहम में काउंटी एकादश के खिलाफ तीन दिवसीय अभ्यास मैच भी खेला है. हालांकि, इंग्लैंड की धरती पर भारत का टेस्ट रिकॉर्ड खराब रहा है. टीम इंडिया ने इंग्लिश कंडीशन में सिर्फ 7 मुकाबले ही जीते हैं, जबकि 34 में हार का सामना करना पड़ा है. इसे देखते हुए मेजबानों के खिलाफ सीरीज जीतना कोहली की भारतीय टीम के लिए मुश्किल चुनौती होगी.
टीम इंडिया ने 2007 के बाद से इंग्लैंड में कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीती है. 2006 में राहुल द्रविड़ की अगुआई में भारत ने आखिरी बार इंग्लैंड को उनके घर में हराया था. हालांकि, कोहली की टीम के पास मौजूदा दौरे के दौरान इस हार का सिलसिला खत्म करने का अच्छा मौका है.
यहाँ देखें वो तीन वजह जिसके कारण इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीत सकता है भारत:
इंग्लैंड की कमजोर बल्लेबाजी
इंग्लैंड की बल्लेबाजी हालिया समय में नहीं चली है. WTC फाइनल से पहले न्यूजीलैंड ने भी दो टेस्ट मैचों की सीरीज के दौरान अंग्रेजों की इस कमजोरी को उजागर किया था. डॉम सिबली, जैक क्रॉली और ओली पोप जैसे युवा बल्लेबाजों ने निराशाजनक प्रदर्शन किया था, हालाँकि, डैन लॉरेंस ने एक अच्छी पारी खेली थी, लेकिन उनके नाम पर भी दो डक के स्कोर दर्ज थे.
कप्तान जो रूट की श्रृंखला भी खराब रही, लेकिन यह हर बार नहीं होगा. पूरे सीरीज के दौरान सलामी बल्लेबाज रोरी बर्न्स अच्छे लय में दिखे थे. उन्होंने एक शतक और एक 80 से अधिक के स्कोर दर्ज करके इंग्लैंड के लिए सर्वाधिक रन किए थे.
इंग्लिश टीम के साथ दिक्कत यह है कि वे इन खिलाड़ियों के साथ लम्बे समय से बने हुए हैं. हालांकि, परफॉर्मेंस ऊँचे दर्जे का नहीं रहा, लेकिन भारत के खिलाफ बड़े सीरीज से पहले इंग्लिश टीम ज्यादा बदलाव करने पर खुद को नुकसान पहुंचा सकती है. और ऐसे में टीम इंडिया के गेंदबाजों की काबिलियत को देखते हुए वह इंग्लैंड के इस युवा और अनुभवहीन बल्लेबाजी पर हमला बोल सकते हैं.
भारत की घातक गेंदबाजी यूनिट
भारत के पास अनुभवी और घातक गेंदबाजी यूनिट मौजूद है. हालांकि, WTC फाइनल में भारत के शीर्ष गेंदबाजों ने निराश किया था. एक सतह पर जहां काइल जैमीसन, टिम साउथी, ट्रेंट बोल्ट और नील वैगनर ने भारतीय बल्लेबाजों की कमर तोड़ दी थी, टीम इंडिया के तेज गेंदबाजों में निरंतरता की कमी दिखीं. लेकिन, यह भी सच है कि भारतीय गेंदबाजो के पास मैच अभ्यास कीवी गेंदबाजों से कम था. ऐसे में भारत के स्टार गेंदबाज उस मैच को भूलकर अपना जलवा दिखाने को तैयार हैं.
इंग्लैंड के बल्लेबाजों का फॉर्म और उनकी कमजोरी, भारत के लिए सुनहरा अवसर है कि वह अपनी गेंदबाजी से मैच में अंतर पैदा करें. इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों में टीम इंडिया के तेज गेंदबाजों से काफी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जानी चाहिए. टीम के गेंदबाजों ने अपने पिछले दौरों पर सफलता प्राप्त किया है, इससे उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा.
जसप्रीत बुमराह भले ही न्यूजीलैंड के खिलाफ डब्ल्यूटीसी फाइनल में बिना विकेट लिए गए हों, लेकिन उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों में 25.92 की औसत से 14 विकेट लिए हैं. इसमें 2018 नॉटिंघम टेस्ट की दूसरी पारी में पांच विकेट भी शामिल हैं. टीम इंडिया के सबसे अनुभवी तेज गेंदबाज इशांत शर्मा ने इंग्लैंड में 12 टेस्ट मैचों में 43 विकेट लिए हैं. इस दौरान उन्होंने दो बार पांच विकेट लेने का कारनामा किया हुआ है.
बेन स्टोक्स की गैरमौजूदगी सबसे बड़ा झटका
पूर्व भारतीय खिलाड़ी आकाश चोपड़ा ने भी कहा है कि बेन स्टोक्स जैसा खिलाड़ी किसी भी विरोधी टीम के दो खिलाड़ियों के बराबर है. वह गेंद और बल्ले, दोनों से सक्षम हैं और एक मैच विनर खिलाड़ी रहे हैं. लेकिन, स्टोक्स की गैरमौजूदगी इंग्लैंड की टीम के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है.
भारत ने जब 2018 में इंग्लैंड का दौरा किया था, तब से लेकर अबतक स्टोक्स एक मैच विजेता खिलाड़ी बनकर उभरे हैं. उन्होंने अपने दम पर इंग्लैंड को वन-डे वर्ल्ड कप और एशेज सीरीज के दौरान हेडिंग्ले टेस्ट मैच में चमत्कारी जीत दिलाई थी.