IND vs SA: बार-बार बल्लेबाजी में असफल हो रहे है वो Virat Kohli के लिए खतरे की घंटी है
इंडोनेशिया, जापान में जिस तरह भूकंप के झटके आते रहते है बिल्कुल कुछ उसी तरह के झटके पिछले कुछ दिनों में भारतीय क्रिकेट में महसूस किए गए। वैसे कोहली की हिम्मत की दाद देनी होंगी जो उन्होंने प्रेस काँन्फ्रेंस कर बीसीसीआई और गांगुली पर बोलने में कोई कोताही नहीं बरती। सच तो यही है BCCI और गांगुली ने विराट कोहली का छोटे फॉर्मेट की कप्तानी से पत्ता साफ कर दिया है। अब कोहली जो चाहे कहते फिरें।
Virat Kohli से BCCI बोर्ड अध्यक्ष Sourav Ganguly और क्रिकेट प्रेमी कोई आइसीसी ट्रॉफी ना लाने के लिए चाहे लाख नाराज़ हो। लेकिन टेस्ट क्रिकेट में कोहली से बतौर कप्तान शायद ही कोई नाराज़ होगा। क्योंकी कोहली ने ना केवल घरेलू श्रृंखलाओं में भारत का टेस्ट विजयी रिकॉर्ड अच्छा रखा है अपितु विदेशी दौरों पर ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड में जाकर सफलता के झंडे गाड़े है।
हमारे क्रिकेट मैनेजमेंट की यह खासियत है की वो नामों के पिछे ज्यादा दौडता है फिर प्रदर्शन चाहे जीरों हो। पूजारा, रहाणे वहीं नाम है। कोहली आज जिस तरह बहुत बाहर जा रही गेंद पर आउट हुए वह इस बात का प्रमाण है की बल्लेबाजी करते वक्त वे कहीं और मशगूल होते है। 71 वा शतक किस शताब्दी में आऐंगा अब कोहली ही जाने। वैसे कोहली अब जिस तरह बार-बार बल्लेबाजी में असफल हो रहे है वो कोहली के लिए खतरे की घंटी है।
इंडिया में इंग्लैंड को टेस्ट सीरीज में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व स्पिनर मोंटी पनेसर का कहना है कि विराट अगर साउथ अफ्रीका के खिलाफ (IND vs SA) तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के दौरान रन बनाने में असफल रहते हैं तो Virat Kohli के लिए खतरे की घंटी होगी।