मोहम्मद अजहरुद्दीन हुए हैदराबाद क्रिकेट के अध्यक्ष पद से निष्कासित, लगा भृष्टाचार का आरोप
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन को हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (Hyderabad Cricket Association) के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है.
एपेक्स काउंसिल ने उन्हें एक नोटिस भेजा है, जिसमें साफ साफ इस बात का जिक्र है कि वो अपने पद से तब तक के लिए सस्पेंड रहेंगे,
जब तक कि उनके खिलाफ जांच पूरी नहीं हो जाती. नोटिस के अनुसार अजहरुद्दीन की हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन की मेंबरशिप की रद्द कर दी गई है.
क्यों हुये अज़हर निष्कासित
कॉउन्सिल की मीटिंग में कई सदस्यों ने अजरुद्दीन के खिलाफ नियमों को तोड़ने का आरोप लगाया. जिसके बाद अजरुद्दीन के पास 15 जून को सस्पेंशन का नोटिस भेजा
जिसमें साफ तौर पर इस बात का जिक्र है कि अगर वो हफ्ते भर के अंदर कोई ठोस दलील नहीं रखते तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.
नोटिस के मुताबिक, अजहर ने हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन से खुद के दुबई प्राइवेट क्रिकेट क्लब का मेंबर होने की बात छुपाई थी.
वो उस टूर्नामेंट में शिरकत करते थे, जिसे BCCI से मान्यता प्राप्त नहीं है. उनपर हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के खाते से भी छेड़छाड़ का आरोप है.
कैसे सुलझेगा मामला
नोटिस में कहा गया है कि जब तक उन पर लगे आरोपों की जांच नहीं हो जाती, तब तक वे सस्पेंड ही रहेंगे. और यदि वे निर्दोष साबित होते है तो उन्हें उनका खोया हुआ पड़ भी वापस मिल सकता है.
पहले भी रहे है विवादों से घिरे
साल 2000 में मोहम्मद अजहरुद्दीन का नाम मैच फिक्सिंग प्रकरण में सामने आया था. इसके बाद मोहम्मद अजहरुद्दीन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया था.
इसके कारण 12 साल बाद मोहम्मद अजहरुद्दीन पर लगे आरोपों को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने खारिज कर दिए थे.
हालांकि मोहम्मद अजहरुद्दीन का क्रिकेट करियर साल 2000 के बाद ही खत्म हो गया था.
क्रिकेट में योगदान
58 साल के अजहरुद्दीन ने भारत के लिए 334 वनडे मैचों में 36.92 की औसत से 9378 रन बनाए. जिसमें 7 शतक और 58 अर्धशतक भी शामिल थे.
तो वहीं, टेस्ट क्रिकेट में इन्होने 45.03 की औसत से 6215 रन बनाए, जिसमें 22 शतक और 21 अर्धशतक शामिल थे.
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